दिल्ली हाईकोर्ट ने लगाई सीबीआई को फटकार

दिल्ली : जवाहरलाल नेहरु यूनिवर्सिटी में एक छात्र पिछले एक साल से लापता है, उसका कोई पता नहीं चल रहा है, सीबीआई भी इस मामले में कोई जांच करती नहीं दिख रही है, ऐसे में छात्रों की सुरक्षा का जिम्मा किसके पास है, यह घटना कॉलेज के चुनावो से सम्बंधित है. कॉलेजो में राजनीती करना भी अब एक मुसीबत बनता जा रहा है, जिसका फायदा कई राजनैतिक पार्टिया उठती है और परिणाम सामान्य छात्रों को झेलने पड़ते है.

उल्लेखनीय है कि नजीब अहमद दिल्ली के जवाहरलाल नेहरु यूनिवर्सिटी, स्कूल ऑफ बायो टेक्नोलॉजी का स्टूडेंट है. वह 14 अक्टूबर की रात से जेएनयू के हॉस्टल माही-मांडवी से लापता है. नजीब के लापता होने से एक रात पहले कैंपस में उसका झगड़ा हुआ था. हॉस्टल मेस कमेटी के चुनाव के लिए अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् (एबीवीपी) के सदस्य हॉस्टल में जाकर चुनाव प्रचार कर रहे थे, तभी नजीब और एबीवीपी के लोगों के बीच कहा सुनी हो हुई थी. झगड़े के दूसरे दिन से नजीब लापता है. जिसके बाद दिल्ली हाईकोर्ट ने 16 मई 2017 को नजीब मामले की जांच सीबीआई के हाथो में दी थी, जिसका अभी तक कोई जवाब नहीं है. दिल्ली हाईकोर्ट ने छात्र नजीब अहमद की गुमशुदगी के मामले में सोमवार को सीबीआई को फटकार लगाई है.

बता दे कि सोमवार को हुई सुनवाई में सीबीआई ने दिल्ली हाईकोर्ट में इस पूरे मामले पर स्टेटस रिपोर्ट दी है. स्टेटस रिपोर्ट को देखने के बाद जस्टिस जी एस सिस्तानी और जस्टिस चंद्रशेखर की बेंच ने सीबीआई से कहा कि आप इससे कहीं बेहतर स्टेटस रिपोर्ट सबमिट कर सकते थे. जस्टिस जी एस सिस्तानी और जस्टिस चंद्रशेखर की बेंच ने कहा- सीबीआई की ओर से इस मामले में दिलचस्पी की कमी है. साथ ही इस मामले में अभी तक कोई रिजल्ट नहीं निकला, यहां तक की कागजों पर भी नहीं. कोर्ट ने सीबीआई से पूछा कि संदिग्ध का पॉलीग्राफी टेस्ट क्यों नहीं कराया गया है?

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