नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायलय ने मंगलवार को उस जनहित याचिका (PIL) पर आदेश सुरक्षित रख लिया, जिसमें आम आदमी पार्टी (AAP) नेता सत्येंद्र जैन को विधानसभा सदस्य और दिल्ली सरकार में मंत्री होने के लिए अयोग्य घोषित करने का निर्देश देने की मांग की गई थी। न्यायमूर्ति सतीश चंदर शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने मंगलवार को याचिकाकर्ता के वकील की दलील पर सुनवाई के बाद कहा कि हम उचित आदेश पारित करेंगे। याचिका में कहा गया है कि दिल्ली की अरविन्द केजरीवाल सरकार में स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन, जो शकूर बस्ती विधानसभा क्षेत्र से MLA भी हैं, ने खुद प्रवर्तन निदेशालय (ED) के समक्ष बताया है कि वे अपनी याददाश्त खो चुके हैं और अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल द्वारा लोअर कोर्ट को भी इस संबंध में सूचित किया गया है। याचिका में कहा गया है कि दिल्ली सरकार स्पष्ट रूप से अनुच्छेद 191 (1) (बी) के तहत भारत के संविधान के प्रावधानों का उल्लंघन कर रही है, जिसमें साफ़ कहा गया है कि 'एक व्यक्ति को विधान सभा या राज्य विधान परिषद का सदस्य चुने जाने और सदस्य होने के लिए अयोग्य घोषित किया जाएगा, अगर वह दिमागी तौर पर कमजोर है और सक्षम न्यायालय द्वारा ऐसा घोषित किया गया है'। याचिकाकर्ता आशीष कुमार श्रीवास्तव ने वकील रुद्र विक्रम सिंह के जरिए दिल्ली की अरविंद सरकार को निर्देश देने की मांग की थी कि वह कोरोना संक्रमण से पीड़ित होने के बाद उनके द्वारा लिए गए सभी फैसलों को शून्य और अमान्य घोषित करे, क्योंकि उनकी याददाश्त जा चुकी है। इसके साथ ही याचिकाकर्ता ने केंद्र सरकार से सत्येंद्र जैन की मानसिक स्थिति का विश्लेषण करने के लिए एक मेडिकल बोर्ड गठित करने का निर्देश देने की भी मांग की है। बता दें कि, भ्रष्टाचार करने के आरोप में सत्येंद्र जैन जेल में कैद हैं और जब जैन पर भ्रष्ट होने के आरोप लग रहे थे, तब दिल्ली के सीएम अरविन्द केजरीवाल ने जैन के लिए पद्म पुरस्कार की मांग करते हुए उन्हें कट्टर ईमानदार बताया था, लेकिन खुद जैन अपनी बेगुनाही साबित नहीं कर पा रहे हैं और पूछताछ से बचने के लिए यह कह चुके हैं कि मेरी याददाश्त जा चुकी है, मुझे कुछ याद नहीं। इसी कारण उन्हें स्वास्थ्य मंत्री पद से हटाने की याचिका अदालत में दाखिल हुई है। क्या नेहरू को स्वतंत्रता सेनानी नहीं मानती ममता बनर्जी ? आगबबूला हुई कांग्रेस दिल्ली: केजरीवाल के करीबी के घर से पकड़े गए ISI के 4 आतंकी ? 15 अगस्त पर हमले का था प्लान नितीश का कैबिनेट विस्तार, लालू यादव के दोनों बेटे बने मंत्री..., विभाग भी बांटे गए