लखनऊ: उत्तर पूर्वी दिल्ली हिंसा मामले में अरेस्ट किए गए जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) के पूर्व स्टूडेंट उमर खालिद को पुलिस हिरासत के दौरान परिवार से मिलने की अनुमति देने से अदालत ने साफ़ मना कर दिया है. अदालत ने कहा कि उमर खालिद से उनके वकील को रोज़ाना 30 मिनट तक मुलाकात करने की इजाजत है. दरअसल, मामले की जांच कर रहे अधिकारी ने अदालत में दलील दी है कि उमर खालिद अभी जांच में सहयोग नहीं कर रहा है और यदि वह अपने परिवार से मुलाकात करता है तो जांच प्रभावित हो सकती है. इस दलील के बाद कड़कड़डूमा कोर्ट में एडिशनल सेशन जज अमिताभ रावत ने उमर खालिद की याचिका ठुकरा दी है. अदालत में दिल्ली पुलिस के इंवेस्टिगेशन ऑफिसर (IO) ने उमर खालिद की याचिका पर जवाब देते हुए कहा कि कोर्ट के निर्देशों के मुताबिक, अभियुक्त को उसके वकील से रोज मिलने की इजाजत दी गई है और अदालत के इन निर्देशों का अनुपालन किया गया है. आरोपी पुलिस जांच में सहयोग नहीं कर रहा है. IO ने कहा कि यदि उमर खालिद अपने परिवार के सदस्यों से मुलाकात करता है तो जांच प्रभावित हो सकता है. अभी उमर खालिद की याचिका पर इजाजत नहीं दी जा सकती है, क्योंकि अभियुक्त पहले से ही अपने वकील से मिल रहा है और यदि अभियुक्त को अपने परिवार के सदस्यों को कोई मैसेज पहुंचना है, तो वह अपने वकील को मैसेज दे सकता है. महाराष्ट्रः भिवंडी में ढही 3 मंजिला इमारत, अब तक मिले 8 लोगों के शव प्रतिवर्ष इस कारण से मनाया जाता है विश्व शांति दिवस सेंसेक्स की टॉप कंपनियों के बाजार पूंजीकरण में आई गिरावट, RIL को भी उठानी पड़ी हानि