नई दिल्ली: दिल्ली के कड़कड़डूमा कोर्ट ने शुक्रवार (4 फरवरी 2022) को कहा कि अदालती कार्यवाही के दौरान मीडिया पर चार्जशीट के कंटेंट पर रिपोर्ट करने से कोई रोक नहीं लगाई जा सकती है। इसलिए चार्जशीट का स्क्रीनशॉट लेने या उसे जनता के सामने रखने से मीडिया को नहीं रोका जा सकता है। अपनी रिपोर्ट के लिए चार्जशीट का स्क्रीनशॉट लेने पर आरोपित उमर खालिद की वकील रेबेका जॉन ने आरोप लगाया था कि दिल्ली दंगों जैसी बड़़ी साजिश की सुनवाई के दौरान Lawbeat ने आरोपियों के बीच हुई व्हाट्सएप चैट और चार्जशीट के कंटेंट का स्क्रीनशॉट लिया और उससे अपनी रिपोर्ट बनाई। इसके साथ ही आरोपितों के फोन नंबर समेत न केवल अन्य निजी जानकारियों को सार्वजनिक किया। दरअसल, Lawbeat ने दिल्ली दंगों की कोर्ट में सुनवाई को बड़े पैमाने पर कवर किया था। इस सुनवाई से जुड़ी चार्जशीट एवं पूरक आरोप-पत्र कंटेंट पर रिपोर्टिंग की थी। उमर खालिद की वकील का कहना था कि लॉबीट द्वारा शेयर किए गए स्क्रीनशॉट को हटाने का आदेश दिया जाए। इस पर विशेष लोक अभियोजक ने इसके लिए एक अलग आवेदन दाखिल करने की सलाह दी थी। दरअसल, दिल्ली में हुए हिंदू विरोधी दंगों के मामले में आरोपित JNU के छात्रनेता उमर खालिद की वकील रेबेका जॉन ने कोर्ट में उन मीडिया संस्थानों के प्रति नाराजगी जताई थी, जिन्होंने दंगों से जुड़े लोगों के नामों को उजागर करने वाली व्हॉट्सएप चैट को सोशल मीडिया पर सार्वजनिक किया था। रेबेका जॉन ने अदालत में विशेष तौर पर ‘Lawbeat’ का नाम लेते हुए कहा था कि उन्होंने जिस प्रकार व्हॉट्सएप मैसेज शेयर किए हैं, ये बेहद घृणायुक्त था। इन स्क्रीनशॉट्स को डिलीट किया जाना चाहिए और अदालत की कार्यवाही के स्क्रीनशॉट नहीं लिए जाने चाहिए। इस दौरान अभियोजन पक्ष की तरफ से सलाह दी गई कि यदि उन चैट को हटवाना है तो इसके लिए उपयुक्त आवेदन दाखिल हो सकता है। यह तरीका अधिक उचित होगा। बता दें कि उमर खालिद की जमानत याचिका के विरोध में जारी सुनवाई के बीच स्पेशल पब्लिक प्रोसेक्यूटर अमित प्रसाद ने अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत के सामने खालिद के खिलाफ कई अहम सबूत पेश किए थे। अभियोजन पक्ष की तरफ से बताया गया था कि कैसे गवाह ने बताया है कि विरोध प्रदर्शन के लिए डंडे, पत्थर, लाल मिर्च और तेजाब जमा किए गए थे। अमित प्रसाद ने पुछा था कि किसी भी शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन में डंडे, पत्थर, लाल मिर्च और तेजाब का क्या काम ? उन्होंने कहा था कि यह सब एक पूर्वनियोजित साजिश के तहत किया गया था। 'हिन्दुओं को ख़त्म करना है..', दिल्ली में दंगे नहीं साजिश हुई थी.. सामने आए गवाहों के बयान 'दिल्ली दंगों की साजिश जनता को पता न चले..', कोर्ट में उमर खालिद की वकील रेबेका ने की ये मांग उमर खालिद ने कैसे रची थी दिल्ली दंगों की खौफनाक साजिश, पढ़ें चश्मदीद गवाह का हर एक बयान...