दिल्ली की अधिकतर जनसंख्या कही आने-जाने के लिए मेट्रो पर ही निर्भर रहती है. लेकिन अब शायद जल्द ही मेट्रो में सफर करने वाले यात्रियों के लिए थोड़ी मुश्किलें बढ़ सकती है. नियुक्त समिति की सिफारिशों का पालन करते हुए अधिकृत केंद्र द्वारा जनवरी 2019 से मेट्रो का किराया फिर से बढ़ सकता है. इसी साल मई और अक्टूबर में ही न्यायधीश एमएल मेहता की अध्यक्षता वाली समिति ने दो चरणों में मेट्रो के किराये में बढ़ोतरी की थी. बता दे मेट्रो रेल अधिनियम के तहत चौथी किराया निर्धारण समिति (एफएफसी) बनाई गई थी. एफएफसी ने अपनी रिपोर्ट में 'ऑटोमेटिक वार्षिक किराया समीक्षा' की सिफारिश की थी जिसके बाद लगभग 7 फीसदी तक मेट्रो का किराया बढ़ेगा. और ये व्यवस्था अगली एफएफसी आने तक रहेगी. साथ ही दिल्ली मेट्रो रेल प्राधिकरण (डीएमआरसी) ने भी इस व्यवस्था का प्रस्ताव रखा था. इस समिति ने सिफारिश की है कि डीएमआरसी ऑटोमेटिक वार्षिक किराया समीक्षा के आधार पर साल में एक बार मेट्रो के किराये पर समीक्षा की जा सकती है. रिपोर्ट में समिति ने कहा था कि, "यह ऑटोमेटिक किराया समीक्षा एक जनवरी 2019 से लागू होगी और अगली एफएफसी की सिफारिशों तक हर साल ऐसा होता रहेगा." बता दे हाल ही में जब मेट्रो के किराये में बढ़ोतरी की गई थी तब अरविन्द केजरीवाल की सरकार के साथ टकराव में केंद्रीय आवासीय और शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने दावा किया था कि, 'केंद्र एफएफसी की सिफारिशों से छेड़छाड़ करने की स्थिति में नहीं है क्योंकि ऐसा करना ‘कानून सम्मत’ नहीं है.' इसके बाद 100 फीसदी तक किराये में वृद्धि हुई थी. इस पर डीएमआरसी ने 24 नवंबर को कहा भी था कि, '10 अक्टूबर को किराया वृद्धि के बाद मेट्रो में यात्रियों की संख्या प्रति दिन तीन लाख तक घटी.' गुजरात में आज चुनावी प्रचार करेंगे प्रधानमंत्री मोदी सोशल मीडिया की नई सनसनी- संस्कृति जदयू के प्रचार के लिए गुजरात नहीं जाऐंगे सीएम नीतीश