नई दिल्ली - कल 24 नवम्बर को 500-1000 के पुराने नोटों के जरिए संपत्ति कर जमा करने की आखिरी तारीख का सबसे ज्यादा फायदा दिल्ली नगर निगम (डीएमसी) को हुआ. जिन करदाताओं का बरसों से लंबित संपत्ति कर जमा नहीं हो पा रहा था उन्होंने भी पुराने नोटों को खपाने के मकसद से अपना कर जमा कर दिया. इससे डीएमसी की करोड़ों की वसूली हो गई. पुराने नोटों को खपाने के दो दृश्य पेश है. ओल्ड राजेंद्र नगर में रहने वाले गुरमीत सिंह पर तीन सालों का संपत्ति कर बकाया था.जिसे भरने वे करोल बाग जोन ऑफिस पहुंचे.पुराने नोटों से तीन सालों का बकाया कर जमा करने की खुशी गुरमीत के चेहरे पर साफ दिख रही थी. ऐसे ही 6 साल से व्यवसायिक संपत्ति का कर जमा नहीं कराने वाले करीम ने पुराने नोटों को खपाने के लिए एक या दो नहीं पूरे छह सालों का बकाया 80 हजार रूपये संपत्ति कर जमा कराया. यह तो कुछ बानगियाँ हैं. ऐसे कई उदाहरण हैं जिनमे लोगों ने पुराने नोट जमा करके अपना कर चुकाया. एमसीडी की जानकारी के अनुसार नोटबंदी के बाद से 23 तारीख की रात 12 बजे तक नॉर्थ एमसीडी में अलग-अलग करों के जरिए 33 करोड़ रुपये जमा हुए, तो वहीं साउथ एमसीडी ने करों के जरिए 34 करोड़ रुपये कमा लिए. सबसे बुरे आर्थिक हालातों से गुजर रही ईस्ट एमसीडी को नोटबंदी के बाद लगभग 13 करोड़ रुपयें करों के जरिए मिल गए जिससे उसे आर्थिक ऑक्सीजन मिल गई. इसी तरह नॉर्थ एमसीडी ने तो एक ही दिन में कर संग्रहण का रिकॉर्ड ही बना दिया जब बुधवार को एक ही दिन में 11 करोड़ रुपये टेक्स के माध्यम से जमा हुए. नोटबंदी को लेकर PM मोदी पर भड़के... कैबिनेट बैठक में लिया गया फैसला,1000 के नोट पूरी तरह बंद, 500 के नोट... कनॉट प्लेस और खान मार्केट को वाहन मुक्त जोन बनाए NMDC