नई दिल्ली: दुनियाभर में लगातार बढ़ता ही जा रहा कोरोना का प्रकोप आज पूरी दुनिया के लिए महामारी का रूप लेता रहा है. वही इस वायरस की चपेट में आने से अब तक 2 लाख 87 हजार से अधिक मौते हो चुकी है. लेकिन अब भी यह मौत का खेल थमा नहीं है. इस वायरस ने आज पूरी दुनिया को हिला कर रख दिया है. कई देशों के अस्पतालों में बेड भी नहीं बचे है तो कही खुद डॉ. इस वायरस का शिकार बनते जा रहें है. वहीं कोरोना को लेकर संबंधित एजेंसियों की बड़ी लापरवाही सामने आई है. करोल बाग में एक बुजुर्ग की कोरोना से मौत हो गई. परिजनों ने संबंधित एजेंसियों को सूचना दी. जब शव लेने कोई एजेंसी नहीं पहुंची, तो परिजन शव का अंतिम संस्कार करने ले गए, लेकिन जलती चिता को बुझाकर पुलिस ने शव कब्जे में लिया और अज्ञात जगह पर ले गई. मध्य जिला डीसीपी संजय भाटिया का कहना है कि उन्हें इस बारे में जानकारी नहीं है. मध्य जिला पुलिस अधिकारियों के अनुसार, बुजुर्ग करोल बाग के बापा नगर में रहते थे. आठ दिन पहले उनकी कोरोना टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी. बुजुर्ग के परिवार के अन्य सदस्य भी कोरोना पॉजिटिव हैं. दो सदस्य अस्पताल में भर्ती हैं. शनिवार रात करीब आठ बजे बुजुर्ग की मौत हो गई थी. इसकी सूचना संबंधित एजेंसियों को दी थी. संबंधित डीएम व एसडीएम को भी सूचना दी, लेकिन किसी भी एजेंसी ने संज्ञान नहीं लिया. बुजुर्ग का शव पूरी रात घर पर रहा. जब कोई एजेंसी शव लेने नहीं पहुंची, तो परिजन रविवार सुबह शव का अंतिम संस्कार कराने श्मशान घाट ले गए. चिता को आग लगा दी गई. इसी बीच किसी ने पुलिस को सूचना दे दी. पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जलती चिता को बुझाया और शव को कब्जे में ले लिया. बताया जा रहा है कि श्मशान घाट में अंतिम संस्कार की बाकायदा पर्ची कटी है. मृतक बुजुर्ग के पड़ोसियों का आरोप है कि पुलिस ने यह नहीं बताया कि वह शव कहां ले गए हैं. अगर पुलिस ने कोरोना पीड़ित होने के कारण दूसरे तरीके से अंतिम संस्कार किया है, तो इसकी जानकारी भी किसी को नहीं है. एजेंसियों की ये लापरवाही करोल बाग में चर्चा का विषय बनी हुई है. मध्य प्रदेश में सामने आए कोरोना के 171 नए मामले, 221 लोग गँवा चुके हैं जान इंदौर में 21 बच्चों ने कोरोना से जीती जंग जितेंद्र डागा से मिले थे दिग्विजय सिंह, पुत्र ने किया चौकाने वाला खुलासा