नई दिल्ली: उत्तर पूर्वी दिल्ली दंगे मामले में बृहस्पतिवार को पहली सज़ा हुई। दिल्ली की कड़कड़डूमा अदालत ने दिनेश यादव नाम के व्यक्ति को 5 वर्ष की सज़ा सुनाई है। अभिजोजन पक्ष के अधिवक्ता आरसीएस भदौरिया ने इस बात की पुष्टि की। यादव को एक महिला के घर में लूट तथा आगजनी के केस में 5 वर्ष की कैद दी गई है। दरअसल, दिल्ली के गोकलपुरी के भागीरथी विहार में 70 वर्षीय महिला मनोरी का घर है, जिसमें लूटपाट कर आगजनी करने के इल्जाम में अदालत ने इसी क्षेत्र में रहने वाले दिनेश यादव को 5 वर्ष की सज़ा सुनाई। यह पहली घटना है जब उत्तरी पूर्वी दिल्ली में हुए भीषण दंगों में किसी को सज़ा सुनाई गई है। 25 दिसम्बर 2020 को मनोरी नाम की महिला के घर में लूटपाट के पश्चात् आग लगा दी गई थी। दंगाई उनके मवेशी तक चोरी कर ले गए थे। 70 वर्षीय मनोरी छत से कूदी तथा एक हिन्दू परिवार के घर में छिपकर जान बचाई थी। तत्पश्चात, उनके परिवार को पुलिस किसी प्रकार बचाकर ले गई। पूरा परिवार 2 सप्ताह दिल्ली से बाहर रहा। वही इस मामले में अदालत ने 2 पुलिसकर्मियों के बयान को महत्वपूर्ण माना है। उन्होंने कहा कि दिनेश उस भीड़ का भाग था जो हिंसा पर उतारू थी। हालांकि, उन्होंने दिनेश को मनोरी का घर जलाते हुए नहीं देखा। हालांकि, अदालत ने कहा कि यदि कोई गैरकानूनी भीड़ का भाग है, तो वो शेष दंगाइयों की भांति हिंसा के लिए उतना ही जिम्मेदार है। दंगों से संबंधित एक और मामले में फैसला सुनाया जा चुका है। हालांकि, उसमें अपराधी रिहा कर दिए गए थे। एंट्रिक्स-देवास डील पर सुप्रीम कोर्ट ने दिया फैसला, कांग्रेस पर क्यों लगे फर्जीवाड़े के आरोप ? कब्रिस्तान और मदरसों की बॉउंड्री बनवाएगी राजस्थान सरकार, CM गहलोत ने किए कई बड़े ऐलान 'लड़की हैं तो क्या, टिकट दे दें ..', लड़की हूँ लड़ सकती हूँ अभियान पर बोलीं कांग्रेस नेता शहला अहरारी