'शायद शिव जी का भी खतना कर दिया गया है...', ज्ञानवापी केस में दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर की घटिया टिप्पणी

नई दिल्ली: वाराणसी के ज्ञानवापी विवादित ढाँचे का सर्वे शुरू होते ही, पूरा का पूरा लिबरल, वामपंथी और कट्टरपंथी गिरोह तिलमिलाया हुआ है। इसी क्रम में दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) के इतिहास के प्रोफ़ेसर ने ज्ञानवापी के वजूखाने में पाए गए शिवलिंग पर टिप्पणी करते हुए अपनी घटिया सोच का परिचय दिया है। जिसकी तीखी आलोचना के साथ कार्रवाई की माँग हो रही है। सोशल मीडिया पर उनके द्वारा ज्ञानवापी में पाए गए शिवलिंग पर की गई ओछी टिप्पणी से हिन्दुओं की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची हैं।

दिल्ली के हिन्दू कॉलेज में इतिहास के एसोसिएट प्रोफ़ेसर के पद पर कार्यरत रतन लाल ने फेसबुक पर एक लिंक शेयर करते हुए लिखा है कि,  'यदि यह शिव लिंग है तो लगता है शायद शिव जी का भी खतना कर दिया गया था।' इसके साथ ही रतन लाल ने अपनी पोस्ट में चिढ़ाने वाला इमोजी भी लगाया है। प्रोफ़ेसर की इस ओछी पोस्ट पर कई लोगों ने जहाँ उन्हें जमकर फटकार लगाई है, तो वहीं काफी सारे वामपंथी, लिबरल और कट्टरपंथी लोग हाहा करते और वाहियात टिप्पणी के साथ गाली-गलौज भी करते हुए दिखाई दिए। संजय कुमार नामक एक यूज़र ने फेसबुक पर उन्हीं के पोस्ट पर कमेंट करते हुए लिखा है, 'जानबूझ कर लिबरल दिखने की कोशिश में ओछेपन पर उतर आए। इतिहास के प्रोफेसर हो आप, तथ्यों पर बात करो। आपसे बेहतर उम्मीद थी।'

वहीं मिस्टर सिन्हा नाम के एक यूजर ने ट्विटर पर रतन लाल के प्रोफाइल और फेसबुक पोस्ट का स्क्रीनशॉट साझा करते हुए शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को टैग कर कड़ी करवाई की माँग की है। उन्होंने अपनी पोस्ट में लिखा है कि, 'हम एक प्रोफेसर की ऐसी बकवास किस तरह बर्दाश्त कर सकते हैं @dpradhanbjp जी? एक प्रोफेसर से ऐसी बकवास आने से यह और अधिक हास्यास्पद हो जाता है क्योंकि वह सैकड़ों बेकसूर विद्यार्थियों को प्रभावित कर सकता है।' इसी पोस्ट में उन्होंने दिल्ली पुलिस को भी टैग करते हुए कड़ी कार्रवाई की माँग की है।

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