रोज़ मुफ्त की 6 सिगरेट पी रहे दिल्लीवासी! 'गैस-चैम्बर' बनी राष्ट्रीय राजधानी, सांस लेना दूभर

नई दिल्ली: दिल्ली में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है, और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, 23 अक्टूबर 2024 को सुबह 11 बजे तक AQI (एयर क्वालिटी इंडेक्स) 281 से लेकर 416 के बीच दर्ज किया गया, जो गंभीर से बहुत गंभीर की श्रेणी में आता है। इस स्थिति का मतलब है कि दिल्ली में रहने वाले लोग दिन में 4 से 6 सिगरेट के धुएं के बराबर प्रदूषण का सामना कर रहे हैं।

दिल्ली के विभिन्न इलाकों में AQI अलग-अलग है, और एक सिगरेट से 64.8 AQI प्रदूषण होता है। उदाहरण के लिए, जहांगीरपुरी और आनंदविहार में लोग 6 सिगरेट के बराबर प्रदूषण का सामना कर रहे हैं। हर साल अक्टूबर के अंत में AQI में अचानक वृद्धि होती है, जिससे लोगों, वैज्ञानिकों, डॉक्टरों, और प्रशासन की चिंताएँ बढ़ गई हैं। दीवाली पर यह स्थिति और बिगड़ने की संभावना है, क्योंकि पटाखों के फटने से प्रदूषण में इजाफा होगा।

दिल्ली की हवा में पार्टिकुलेट मैटर (PM) की मात्रा का बढ़ना, जो गाड़ियों के धुएं, उद्योगों, और पराली जलाने से होता है, मुख्य कारण है। हर साल सर्दियों के मौसम में, खासकर अक्टूबर और नवंबर में, PM 2.5 और PM 10 की मात्रा बढ़ जाती है। पंजाब और हरियाणा में फसलों की कटाई के बाद पराली जलाने की प्रक्रिया के कारण इस बार स्थिति और गंभीर हो गई है।

हवा की दिशा, गति और नमी भी दिल्ली में प्रदूषण बढ़ाने में योगदान देती हैं। सर्दियों में हरियाणा और पंजाब की ओर से आने वाली हवा में पराली का धुआं होता है, जिससे प्रदूषण की स्थिति और खराब हो जाती है। तापमान में बदलाव भी प्रदूषण को बढ़ाने में सहायक होता है, जिसे तापमान उलटाव (Temperature Inversion) कहा जाता है।

दिल्ली की बढ़ती जनसंख्या और वाहनों की संख्या भी प्रदूषण के प्रमुख कारण हैं। अनुमान है कि दिल्ली में PM 2.5 का 25% उत्सर्जन वाहनों से होता है। इसके अतिरिक्त, स्थानीय उद्योगों से निकलने वाले गैसों और केमिकल्स भी वायुमंडल में बदलाव लाते हैं। दिवाली के समय, पटाखों से निकलने वाले केमिकल और घरेलू बायोमास का जलाना भी प्रदूषण को बढ़ाने में योगदान करते हैं। IIT कानपुर की एक स्टडी के अनुसार, दिल्ली-एनसीआर में 17-26% PM उत्सर्जन बायोमास जलाने से होता है।

AQI का उद्देश्य लोगों को यह बताना है कि उनके आस-पास की वायु गुणवत्ता स्वास्थ्य पर कैसे असर डाल सकती है। यह प्रदूषण की स्थिति का मूल्यांकन करने के लिए विभिन्न प्रदूषकों (जैसे PM10, PM2.5, NO2, SO2, CO, O3, NH3, Pb) को मापता है। AQI एक महत्वपूर्ण संकेतक है, जो यह बताता है कि किसी क्षेत्र की हवा कितनी साफ या प्रदूषित है, और इससे जुड़ी स्वास्थ्य संबंधी चिंताएं क्या हो सकती हैं।

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