नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी मोदी सरकार के उन मंत्रियों में गिने जाते हैं, जिनके काम की प्रशंसा विरोधी भी करते हैं। लोकसभा में उन्होंने ऐसी योजना बताई है, जिससे सड़क पर करोड़ों रुपये के खर्च से कई लाभ प्राप्त होंगे। इसको 'डक्ट प्लान' भी बोला जा रहा है। मामला ये है कि DMK सांसद दयानिधि मारन ने पूछा कि मंत्री (गडकरी) के पास सारे डेटा रहते हैं। वे बहुत डायनेमिक हैं। मगर वह यह कैसे सुनिश्चत करेंगे कि ऑप्टिकल फाइबर बिछाने के चलते सड़क का विस्तार नहीं करना पड़ेगा। इस पर गडकरी ने दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे की चर्चा करते हुए अपना प्लान पेश कर दिया। उन्होंने कहा, दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे (ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे) का काम जारी है। मगर हमारा टारगेट सड़क बनाना है। लेकिन ऐसा भी होता है कि गैस पाइपलाइन के लिए पेट्रोलियम मंत्रालय को कभी-कभी जमीन की आवश्यकता पड़ती है। ऑप्टिकल फाइबर पर भी काम जारी है। दिल्ली-मुंबई के अतिरिक्त बेंगलुरु-हैदराबाद कॉरिडोर पर भी काम चल रहा है। मगर इसका खर्च काफी अधिक है। एक किलोमीटर पर 6-7 करोड़ रुपये खर्च हो रहे हैं। गडकरी ने बताया, हमारी योजना डक्ट बनाने की है, जिसमें हम आईटी फाइबर लाइन, पीवीसी पाइप, इलेक्ट्रिकल केबल, पेट्रोलियम लाइन इत्यादि बिछा सकते हैं। इससे अलावा जमीन की आवश्यकता नहीं होगी तथा पैसा भी बचेगा। प्रधानमंत्री गतिशक्ति योजना के तहत हम सारे पक्षों पर काम कर रहे हैं। वही जिस डक्ट का जिक्र सड़क एवं परिवहन मंत्री ने किया है, उसको आप फ्लैट वाले डक्ट की भांति मान सकते हैं। इसमें विभिन्न केबल्स को पहले से बाकी के फ्लोर्स तक ले जाया जाता है। इनके माध्यम से हवा भी पास हो जाती है तथा हर फ्लोर पर बेहतर माहौल बना रहता है। गडकरी ने यह भी बोला कि हम ऐसी नीति पर काम कर रहे हैं, जिसमें यदि प्राइवेट संस्थाएं डक्ट में निवेश करती हैं तो संबंधित विभाग को यह सर्विस देता है। यह पीपीपी मोड पर बझड सकता है। आगे गडकरी ने कहा, अब समय आ गया है कि इंटरनेट का विस्तार किया जाए। ऑप्टिकल फाइबल को 50 लाख किमी तक ले जाना है। साथ ही गांवों को भी जोड़ना है। 'नेहरू' सरनेम लिखने में शर्म क्यों आती है ? PM बोले- कांग्रेस ने 90 बार चुनी हुईं सरकारें गिराई संसद में P@RN देखते पकड़े गए MP, मचा हंगामा 'AAP ही निकले असली जासूस..', जासूसी कांड में घिरी केजरीवाल सरकार, भाजपा ने खोला मोर्चा