नई दिल्ली: दिल्ली की हवा प्रत्येक वर्ष की तरह इस बार भी हर दिन पहले से अधिक जहरीली होती जा रही है। हवा की धीमी गति, पराली का धुआं और धूल प्रदूषण को निरंतर बढ़ा रहे हैं। बुधवार को सुबह भी दिल्ली वालों के लिए प्रदूषण के चलते धुंध से घिरी हुई थी। आज भी दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) खराब श्रेणी में ही बना रह सकता है। जिसके वजह से अब कोविड का संकट भी दोगुना होता नज़र आ रहा है। लोगों की आंखों में जलन, सांस लेने में तकलीफ और सिर दर्द की परेशानी बढ़ने लगी है। दिल्ली में हवा की गुणवत्ता मंगलवार को 304 से ज्यादा रही जबकि 24 घंटे की आवश्यक 300 रिकॉर्ड की गई दिल्ली के अलग-अलग तीन दर्जन निगरानी केंद्रों में लगभग 2 दर्जन केंद्र भी हवा की गुणवत्ता बेहद खराब कहा जा रहा है। जंहा इस बता का पता चला है कि दिल्ली सरकार ने भी बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए अब सख्ती बरतने की जरुरत है। गवर्नमेंट ने भलस्वा लैंडफिल पर धूल नियंत्रण नियमों के उल्लंघन को लेकर उत्तरी दिल्ली नगर निगम पर 20 लाख रुपये का जुर्माना लगाने का एलान कर दिया है। इस बारे में दिल्ली पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने भलस्वा लैंडफिल साइट निरीक्षण किया और ट्वीट द्वारा इसकी सूचना दी और आगे उन्होंने कहा, भलस्वा लैंडफिल साइट का "युद्ध, प्रदूषण के विरुद्ध" अभियान के तहत औचक टेस्ट किया जा रहा है।निरीक्षण के दौरान लापरवाही पाई गई, DPCC को कानूनी जांच करने का निर्देश जारी कर दिया है। मिली जानकारी के अनुसार दूसरी ओर प्रदूषण को लेकर एक बार फिर से राजनीतिक इलज़ाम प्रत्यारोप भी शुरू हो गया है। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) ने पराली के कारण उत्तर भारत में बढ़ते प्रदूषण पर चिंता जताते हुए बोला कि इस वर्ष कोविड-19 का खतरे की वजह पराली प्रदूषण काफी जानलेवा है। उत्तर भारत को प्रदूषण से बचाने में केंद्र सरकार पूरी तरह नाकाम है। सिसोदिया ने उत्तर भारत में प्रदूषण रोकने के लिए केंद्र सरकार से तत्काल ठोस कदम उठाने की मांग की। सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली सरकार प्रदूषण रोकने के प्रयास सालों से लगातार कर रही है, जबकि केंद्र सरकार हाथ पर हाथ रख कर बैठी रहती है। उपमुख्यमंत्री ने यहां प्रेस वार्ता में कहा कि पराली का धुआं इस बार भी अपना असर दिखाने लगा है। हाथरस में फिर हुई हैवानियत, पड़ोसी ने 4 साल की मासूम को बनाया अपना शिकार नोएडा में पुलिस और बदमाशों के बीच हुई मुठभेड़, एक बदमाश हुआ जख्मी शोध में हुआ खुलासा इस उम्र के लोगों की कोरोना से हो रही है मौतें