नई दिल्ली : देश की राजधानी दिल्ली के निवासी यूँ तो प्रदूषण की समस्या से पीड़ित हैं ही , लेकिन अब उनके सामने ओजोन प्रदूषण नई समस्या बनकर सामने आ खड़ा हुआ है.सिरदर्द, थकान और सांस लेने में तकलीफ की परेशानी सामान्य प्रदूषण नहीं, बल्कि ओजोन प्रदूषण का बढ़ना भी इसका कारण हो सकता है. गत 5 वर्षों में दिल्ली में पहली बार अप्रैल में ओजोन प्रदूषण का स्तर बहुत ऊंचा पाया गया है. आपको बता दें कि ओजोन का सीधा असर व्यक्ति के फेफड़ों पर पड़ता है. दिल्ली में अब ओजोन प्रदूषण का खतरा मंडराने लगा है. दिल्ली में ओजोन प्रदूषण मई-जून में होता है, लेकिन इस बार यह अप्रैल में ही बढ़ गया है.सिरदर्द, सांस लेने में परेशानी, थकावट महसूस होना ओजोन प्रदूषण का कारण हो सकता है. उल्लेखनीय है कि सीपीसीबी के अनुसार ओजोन प्रदूषण बढ़ने का कारण दिल्ली में बढ़ रही गाड़ियों की संख्या और उद्योग भी है. वहीं कम बारिश होना भी इसकी एक वजह है. ओजोन के बढ़ने से हवा में 60 प्रतिशत तक प्रदूषण बढ़ता है. राजधानी के अधिकांश इलाकों में ओजोन पॉल्यूशन तेजी से बढ़ रहा है.डीपीसीसी की मानें तो नजफगढ़ में ओजोन प्रदूषण तय मानकों से अधिक है. वहां इसकी मात्रा 188.4 एमजीसीएम (माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर) है. इसके अलावा कर्णी सिंह स्टेडियम, अशोक विहार, सोनिया विहार में भी ओजोन प्रदूषण खतरनाक स्तर पर है. यह भी देखें आपके घर को फ्रेश और प्रदुषण मुक्त रखते हैं ये पौधे जानिए क्या हैं घर को प्रदुषण से बचाने के टिप्स