नई दिल्लीः केंद्र सरकार ने नोटबंदी का फैसला लेकर सबको चौंका दिया था। इसके बाद सरकार ने 2000 के नए नोट लाए थी। इसके पीछे का मकसद देश से काले धन को खत्म करना था। बीते एक साल में भारत में 2,000 रुपये के नोट का चलन तेजी से घटा है। लेकिन 500 के नोटों की संख्या बढ़ी है। वर्ष 2018-19 में चलन में रहे 2000 रुपये के नोटों की संख्या में 7.2 करोड़ की कमी दर्ज की गई है। बीते वित्त वर्ष में 2,000 रुपये के नोटों की संख्या 329 करोड़ रह गई। 500 रुपये के नोट की बात करें, तो इसकी संख्या वित्त वर्ष 2017-18 में 1,546 करोड़ थी, जो 2018-19 में बढ़कर 2,151 करोड़ हुई। एक साल के दौरान 500 रुपये के नोटों की संख्या बढ़ी है। आरबीआई के आंकड़े के मुताबिक देश में नकली नोटों के मामलों में तेज बढ़ोतरी हुई है। वित्त वर्ष 2017-18 के मुकाबले पिछले वित्त वर्ष में नकली नोटों में 121 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। 2,000 रुपये के नकली नोटों की बात करें, तो यह आंकड़ा 21.9 फीसदी है। 200 रुपये के 12,728 जाली नोट मिले, जबकि पिछले साल सिर्फ 79 ही पकड़े गए थे। नकली नोटों का चलन सरकार के लिए एक चुनौती है। मोदी सरकार का बड़ा फैसला, कई मुख्य बैंकों का होगा विलय आरबीआई के रिपोर्ट में खुलासा, देश में बढ़ रही है बैंकफ्रॉड की घटनाएं बेरोजगारी के कारण लोग नहीं चुका पा रहे लोन, बैंकों को हो रहा नुकसान