नई दिल्ली: हाल ही में आयकर कानून में हुए संशोधन के बाद व्यक्तिगत सोने रखने को लेकर चली अफवाहों के कारण वित्त मंत्रालय को सफाई देकर यह स्पष्ट करना पड़ा कि नए बिल के नियम पुश्तैनी सोना या सोने के आभूषणों पर लागू नहीं होंगे. जो घोषित आय या खेती से हुई आमदनी से खरीदी गई है. इस बारे में यह अफवाह चल रही थी कि नए आईटी बिल के बाद जांच के दायरे में घर में रखा सोना भी आ जाएगा. इस पर सरकार ने पुराने आयकर कानून का हवाला देते हुए घरों में रखे जाने वाले सोने की सीमाएं पुनः दोहराई. सोने रखने के सम्बन्ध में केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने स्पष्ट किया कि यदि आपने घोषित आमदनी,खेती से मिली छूट के दायरे में आने वाली आमदनी,जायज तरीके से मिला पुश्तैनी सोना,घरेलू बचत से खरीदा सोना या सोना ऐसी किसी आमदनी से खरीदा है जिसका आप हिसाब दे सकते हैं तो वह न तो मौजूदा कानून के तहत न तो कर योग्य है और ना ही उसे पर नए कानून के तहत कर लगेगा. इस बारे में वित्त मंत्रालय ने आयकर की धारा 132 के तहत उस पुराने नियम का उल्लेख करते हुए पुनः दोहराया कि विवाहित महिलाओं के पास रखा 50 तोला सोना, अविवाहित के पास रखा 25 तोला सोना और परिवार के किसी पुरुष के पास 10 तोला सोना है, तो आयकर विभाग उसे जब्त नहीं कर सकेगा. अगर आपके पास ऊपर दी गई इस सीमा से ज्यादा सोना जायज और घोषित आमदनी से खरीदा गया है और उसके प्रमाण में दस्तावेज पेश कर सकते हैं तो फिक्र की कोई बात नही है. उल्लेखनीय है कि नोटबन्दी के बाद 25 शहरों में 250 किलो सोना बिका था. 8 नवम्बर की रात को 500-1000 के नोट बंद होने की घोषणा के बाद बुधवार को मुंबई में 75 करोड़ रुपए का करीब ढाई क्विंटल सोना कुछ ही घंटों में बिक गया था.सराफा व्यापारी पुराने नोट के बदले 20 से 65 फीसदी तक ज्यादा कीमत पर सोना बेच रहे थे. इंदौर जैसे शहर में कहीं 45 तो कहीं 80 हजार रुपए तोला सोना बिकने की खबर आई थी.ऐसे 600 ज्वेलर्स को डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सेंट्रल एक्साइज इंटेलिजेंस ने नोटिस भेजकर 7 नवंबर के बाद से 4 दिन के अंदर बेचे गए सोने की डिटेल के साथ जवाब माँगा था. काले सोने पर भी बोला सरकार ने हमला सोने की सीमा तय नहीं करेगी सरकार