चम्पावत - श्रम विरोधी नीतियों और ट्रेड यूनियन की देश व्यापी हड़ताल के समर्थन में क्षेत्र के विभिन्न गांवों में आशा वर्कर्स, रोडवेज कर्मियों और बीएसएनएल के ठेकेदारी प्रथा में कार्यरत कर्मियों द्वारा हड़ताल की गई. चंपावत में जहां आंगनबाड़ी कर्मचारी संगठन और आशा वर्कर्स यूनियन ने शुक्रवार को न्यूनतम मजदूरी की मांग को लेकर यहां प्रदर्शन किया. जुलूस निकालने के बाद इन कर्मचारियों ने कलक्ट्रेट तक रैली निकाली. कर्मियों ने न्यूनतम वेतन 18 हजार रुपये देने, आईसीडीएस के बजट में की गई कटौती वापस लेने, मजदूर विरोधी श्रम कानून रद्द करने की मांग की. वहीँ आशा वर्कर्स संगठन की जिलाध्यक्ष सरोज पुनेठा के नेतृत्व में प्रदर्शन किया। कहा कि सीएम हरीश रावत ने हर महीने दो हजार रुपये का मासिक मानदेय देने को कहा था, लेकिन अब सरकार अपने बयान को बदलकर साल में मात्र दो हजार रुपया देने की बात कह रही है. सरकार की इस बात का पुरजोर विरोध किया गया. जबकि उधर टनकपुर में ट्रेड यूनियन के आह्वान पर श्रमिकों की देश व्यापी हड़ताल के साथ ही श्रम कानूनों में किए गए संशोधन से भड़की आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों ने भी शुक्रवार से देशभर में अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है.प्रदर्शन में बड़ी संख्या में कर्मचारियों ने हिस्सा लिया. हाई कोर्ट ने गेस्ट टीचरों की नियुक्ति के आदेश को किया रद्द : उत्तराखंड