देवबंद। मुस्लिम धर्मावलंबियों की संस्था तंजीम उलेमा ए हिंद के एक पदाधिकारी ने अब मुस्लिम महिलाओं को लेकर विवादित बयान दिया है। उनके इस बयान से जमकर हंगामा मच गया है। दरअसल उनका कहना है कि मुस्लिम महिलाओं का नौकरी करना उचित नहीं है। दरअसल मुस्लिम धर्मावलंबियों की इस संस्था तंजीम उलेमा ए हिंद के प्रदेश अध्यक्ष नदीम उल वाजदी देवबंद के मौलाना भी हैं। इस दौरान उन्होंने कहा कि महिलाओं का नौकरी करना उचित नहीं है। यह तो इस्लाम के ही विरूद्ध है। उनका कहना था कि महिला को तो घर के कार्य और बच्चों की परवरिश ही करना चाहिए। उनका कहना था कि महिला यदि नौकरी करती है तो उसे अपने चेहरे को ढंककर रखना होगा। वाजदी का कहना था कि यदि घर में कोई कमाने वाला न हो तब ही महिला नौकरी करे। गौरतलब है कि दारूल उलूम देवबंद समय समय पर कई तरह के फतवे जारी करता रहा है। इस संस्था द्वारा फतवा जारी किया गया था कि भारत माता की जय कहना मुसलमानों के लिए उचित नहीं है। दारूल उलूम देवबंद पहले तीन तलाक को लेक भी कह चुका है। इस संस्था ने कहा था कि तलाक के लिए औरतों का वहां होना आवश्यक नहीं है। तलाक मोबाइ्रल फोन पर भी हो सकता है। इसे भी मान्य किया गया है। आतंकवाद इस्लाम को बदनाम करने की साजिश - राजनाथ सिंह अहमदाबाद में योग सीखेंगी मुस्लिम महिलाएं चीन में दाढ़ी रखने और नकाब पहनने पर रोक