आज मेन्टल हेल्थ के बारे में ये शेयर कर रहे है डिप्रेशन की समस्या दुनिया भर में बढ़ी है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) के अनुसार 300 मिलियन से अधिक लोग डिप्रेशन के शिकार हैं. इस संख्या में वो लोग शामिल नहीं हैं जो मेडिकल ट्रीटमेंट से दूर हैं. अगर इस आंकड़े के आनुमान के हिसाब से देखा जाए तो डिप्रेशन के मरीजों की संख्या इससे कई गुना ज्यादा हो सकती है. 10 अक्टूबर को नेशनल डिप्रेशन स्क्रीनिंग डे (National Depression Screening Day) है. 10 अक्टूबर को ही विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस (World Mental Health Day) भी मनाया जाता है. इमोशनल स्ट्रेस कई बार एकाकी जीवन या अकेलापन, वैवाहिक समस्याएं, किसी प्रियजन की मौत और किसी बड़े नुकसान के कारण हो सकता है. कई बार हम इसे बहुत ही सामान्य समझते हैं लेकिन यह इमोशनल ट्रॉमा और ट्रायूमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर (emotional trauma and post-traumatic stress disorder) है. इसे PTSD के नाम से भी जाना जाता है. ध्यान देने वाली बात ये है की स्ट्रेस/तनाव, एंग्जाइटी/चिंता आज के दौर की सबसे आम समस्याएं हैं. अगर समय रहते स्ट्रेस और एंग्जाइटी पर ध्यान न दिया जाए तो यह PTSD और डिप्रेशन का कारण बन जाते हैं. PTSD और डिप्रेशन के प्रकार भी कई हैं. अक्सर देखा जाता है कि लोगों में तनाव, चिंता और डिप्रेशन की वजह से कई अन्य शारीरिक परेशानियां होने लगती हैं. मरीज भी डॉक्टर के पार शारीरिक परेशानियों को लेकर डॉक्टर के पास जाते हैं, जबकि वो सारी परेशानियां मेंटल हेल्थ की वजह से हो रही होती हैं. दिमाग पर असर डालने वाली डिप्रेशन की बीमारी बहुत ही संवेदशील होती है. अवसाद/डिप्रेशन से बाहर निकलने के लिए बहुत ही सावधानी की जरूरत होती है. डिप्रेशन से लड़ने और बाहर निकलने के लिए कुछ खास तरीके और इलाज पद्धतियां हैं. आइए जानते हैं.. ध्यान देने वाली बात ये है की मानसिक स्वास्थ्य (Mental Health) पर असर डालने वाली जीवन की परेशानियों को सबसे पहले समझें. जिंदगी की जो परेशानी आपको डिप्रेशन की ओर ले जा रही है उस विषय के बारे में जानकारी इकट्ठा करें. इसके बाद उस परेशानी के बारे में अपने परिजन या निकटतम दोस्त से बात करें. यह समय बहुत सतर्क रहने का है, आप अपने दिमाग में चल रही बातों पर बारिक नजर रखें. अपने व्यवहार पर संयम बनाएं रखें. यह आपके जीवन का बढ़ा संघर्ष है और इसके लिए खुद को तैयार करें. मानसिक स्वास्थ्य/मेंटल हेल्थ को बेहतर करने के लिए अरोमाथेरेपी को सबसे अच्छा माना जाता है. अरोमा थेरेपी एक तरह से सुगंध चिकित्सा है. अरोमा थेरपी में फ्रैंकिनेंस, गुलाब और लैवेंडर जैसे फुलों के सुगंध से इलाज किया जाता है. डायबिटीज को ऐसे करे कण्ट्रोल, जल्द दिखेगा रिजल्ट बदलते मौसम में गले की खराश का ये यही सही इलाज, ऐसे करे बचाव मीठा खाकर वजन कम करने का सटीक उपाय, ये है उपाय