किसानों को बड़ी राहत: हवा का रुख बदलते ही, पाकिस्तान की ओर मुदा टिड्डी दल

जालंधर: पंजाब के किसानों की इस समय बढ़ी चिंता पाकिस्तान का टिड्डी दल है, जिससे बुधवार को उन्हें व अधिकारियों को कुछ राहत मिली. क्योंकि हवा का रूख पंजाब की तरफ से पाकिस्तान की तरफ बदला तो दोपहर बाद टिड्डी दल सीमा से ही वापस लौट गया. वहीं बीते बुधवार को नोटिस किया गया टिड्डी दल 3 किलोमीटर लंबा था और ऐसा हमला 1961 व 71 के बाद अब दोबारा देखा गया है. 10 दिन पहले भी मालवा के मुक्तसर, मलोट और फाजिल्का के खेतों में राजस्थान से आई टिड्डियों ने हमला बोला था, लेकिन बचाव हो गया था. फाजिल्का के गांव सुलेहेवाला, चक्क जानीसर, रत्ता थेहड़ व मुक्तसर नजदीकी गांव भागसर, मदरस्सा, चक्क मदरस्सा, रामगढचूंघा व अकालगढ़ के खेतों में टिड्डे दिखाई दिए थे, लेकिन संख्या काफी कम थी.

मिली जानकारी के मुताबिक बीते मंगलवार को पाकिस्तान की तरफ से हवा के रुख के साथ टिड्डी दल राजस्थान के जैसमलेर बार्डर पर पहुंचा और पंजाब के सीमावर्ती गांवों में इनका काफिला देखा गया. पंजाब खेतीबाड़ी विभाग के डायरेक्टर स्वतंत्र कुमार ऐरी ने बताया कि मंगलवार को ही खेतीबाड़ी विभाग ने तमाम स्प्रे शुरू कर दिये थे, ताकि फसलों को बचा लिया जाए. जंहा बीते बुधवार यानी 5 फरवरी 2020 को टिड्डी दल वापस चला गया और हम 100 फीसदी फसलों को बचाने में कामयाब हो गए हैं.

डेजर्ट हॉपर प्रजाति की हैं टिड्डी: जंहा यह भी कहा जा रहा है कि पंजाब में जो तीन किलोमीटर लंबे काफिले में टिड्डी देखी गयी वह कृषि विज्ञानियों के अनुसार डेजर्ट हॉपर प्रजाति की हैं जो लंबी दूरी तक उड़ सकती हैं. झुंड के बीच इन टिड्डियों का रवैया बहुत आक्रामक होता है और एक साथ पूरे खेत को खाली कर सकती हैं. टिड्डों की यह प्रजाति भारत और पाकिस्तान जैसे दक्षिण एशियाई देशों में अपने पूरे दल के साथ फसलों को सफाचट करने के लिए ही जानी जाती है.

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