न्यूयॉर्क : अगर आपको लगता है कि धूल भरी आंधी केवल पृथ्वी पर आती है तो आप गलत है, क्यों कि मंगल ग्रह पर भी धूल भरी आंधी आती है। ऐसा कहना है नासा का। नासा के मार्स ऑर्बिटर ने पहली बार लाल ग्रह पर मौसमी धूल भरे तूफान का खुलासा किया है। कहा जा रहा है कि वैज्ञानिकों को इससे भविष्य के रोबोटिक मिशन के मद्देनजर खतरे को भांपने में मदद मिलेगी। कई दशकों से इस बात को समझने के लिे तस्वीरों के आधार पर अध्ययन किया जा रहा था। स्पष्ट तस्वीर मंगल ग्रह के वातावरण के तापमान के विश्लेषण के बाद बनाई गई। प्रमुख शोधार्थी नासा के कैलिफोर्निया स्थित जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी के डेविड कास ने बताया कि जब हम धूल के अलावा वहां के तापमान की संरचना को देखते है तो हमें अंतिम रुप से चलता है कि मंगल की विशाल धूल भरी आंधी में कुछ अनियमितता है। इस शोध के बारे में जियोलॉजिकल रिसर्च लेटर्स में प्रकाशित किया गया है। नासा के अनुसार, रिकॉर्ड किए गे तापमान के पैटर्न से तीन तरह के विशाल क्षेत्रीय धूल भरे तूफान का पता चलता है। मंगल का एक साल धरती के दो सालों के बराबर होता है। कास ने बताया कि अब हम एक और कदम आगे बढ़ाते हुए मंगल की क्षेत्रीय धूल भरी आंधी के पैटर्न को समझने के बाद अब हम वहां के वायुमंडल के मौलिक गुणों को नियंत्रित करने वाले कारकों को समझेंगे।