मुंबई : दुनिया की चौथी सबसे बड़ी फार्मा कंपनी ल्यूपिन के फाउंडर और चेयरमेन देशबंधु गुप्ता का मुंबई में सोमवार को निधन हो गया. फ़िलहाल उनकी मृत्यु का कारण पता नहीं चल पाया है. उन्होंने 1968 में सिर्फ 5000 रुपए से इस कंपनी की शुरुआत की थी.जिसे उन्होंने अपनी मेहनत से कंपनी की ग्रोथ को 1.83 बिलियन डाॅलर कर उसे ग्लोबल कंपनी बना दिया था . इस घटना के बारे में ल्यूपिन की सीईओ विनीता गुप्ता और एमडी नीलेश गुप्ता ने अपने संयुक्त बयान में कहा कि पिता के निधन से हमे काफी दुख हुआ है.हालांकि उनका निधन किस वजह से हुआ, इस बारे में कंपनी की ओर से ज्यादा जानकारी नहीं दी गई. बता दें कि गुप्ता का जन्म 1938 में राजस्थान के अलवर में हुआ था. उन्होंने अपने करियर की शुरुआत राजस्थान के बिरला इंस्टीट्यूट आॅफ टेक्नाॅलाॅजी एंड साइंस, पिलानी में बतौर एसोसिएट प्रोफेसर से की थी. उल्लेखनीय है कि कंपनी को स्थानीय बाजार से वैश्विक स्तर पर ले जाने में गुप्ता की अहम भूमिका रही. ल्यूपिन वर्ल्ड की चौथी सबसे बड़ी जेनेरिक फार्मा कंपनी है. गुप्ता दयालु और राष्ट्रवादी थे, उन्होंने 1988 में गरीबी हटाने के लिए ग्रामीण भारत में विकास के लिए ल्यूपिन ह्यूमन एंड रिसर्च फाउंडेशन (LHWRF) की स्थापना की थी. जिससे भारत के 3 हजार 463 गांवों के 28 लाख परिवारों को लाभ हुआ था . वे किफायती दाम में दवा पहुंचाने के लिए मशहूर थे. यह भी देखें नेपाल में पतंजलि की सात दवाएं घटिया निकलीं, वापस भेजेंगे भारत साधारण सिर दर्द होने पर ये उपाय करें