शुक्रवार को रेटिंग एजेंसी एसएंडपी ग्लोबल ने देश की फॉरेन एंड लोकल करेंसी सॉवरेन क्रेडिट रेटिंग को बीबीबी (-) लॉन्ग टर्म तथा ए-3 शॉर्ट टर्म पर बरकरार रखा। रेटिंग एजेंसी ने अपने स्टेटमेंट में कहा है कि देश के लॉन्ग टर्म रेटिंग को लेकर उसका आउटलुक स्थिर (स्टेबल) है। COVID-19 महामारी की वजह से इस व्यवसायी वर्ष (2020-21) में इंडियन इकोनॉमिक्स में रिकॉर्ड गिरावट आएगी। वही इस रेटिंग का अर्थ यह है कि भारत के पास अपनी वित्तीय देनदारियों को पूर्ण करने की समुचित क्षमता है, परन्तु आर्थिक अवस्थाओं की वजह से भारत के सामने जोखिम बना हुआ है। वही COVID-19 से देश की इकोनॉमिक्स पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ा- रेटिंग एजेंसी ने कहा कि COVID-19 का भारत की अर्थव्यवस्था पर काफी बुरा प्रभाव हुआ है। COVID-19 से पहले वाली अवस्था की तुलना में उत्पादन में लगभग 13 फीसदी की स्थायी हानि हुई है। साथ ही देश की प्रमुख क्रेडिट कमजोरियां (ऊंचा जनरल गवर्मेंट डिफिसिट और भारी-भरकम कर्ज) में और अधिक वृद्धि हो गई हैं। धीमी आर्थिक रिकवरी से इस व्यवसायी वर्ष में सरकार का रेवेन्यू आउटलुक भी कमजोर होगा। वही देश की रियल जीडीपी विकास में सुधार आएगा- एसएंडपी रेटिंग एजेंसी के अनुसार, आगामी कारोबारी वर्ष से देश के रियल जीडीपी विकास में सुधार दिखने लगेगा। रेटिंग एजेंसी के स्केल पर बीबीबी (-) सबसे बुरा इन्वेस्टमेंट ग्रेड रेटिंग है। रेटिंग एजेंसी का कहना है कि इंडियन फॉरेक्स रिजर्व में तेज वृद्धि से भारत के लिए अच्छा संकेत है। साथ ही कई बदलाव हो सकते है। डीजल की कीमतों पर आज फिर चली कैंची, जानिए क्या है पेट्रोल का हाल चीनी बैंक केस: UK कोर्ट में बोले अनिल अंबानी- 'गहने बेचकर भर रहा वकीलों की फीस' आरबीआई ने शहरी सहकारी बैंकों की सुरक्षा के लिए रखा पांच सूत्रीय का प्रस्ताव