नई दिल्ली : इसे हवाई यात्राओं के प्रति बढ़ा आकर्षण कहें या हवाई किराये में कटौती का असर कि तेल की कीमतें बढ़ने के बावजूद हवाई यात्रियों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है.इससे स्वाभाविक रूप से एयरलाइनों का कारोबार भी बढ़ रहा है. गौरतलब है कि सरकार ने एक घंटे की उड़ान के लिए 2,500 रुपये (सभी कर शामिल) का किराया निश्चित किया है. इसका मकसद आम आदमी के लिए उड़ानों को सस्ता बनाना है. लेकिन तेल की कीमतें सरकार को इस उद्देश्य में कामयाब होने में बाधक बन रही हैं. इसके बावजूद देश में हवाई यात्रियों की संख्या में 22 से 23 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. रेटिंग एजेंसी इकरा के अनुसार एयरलाइनों में सीटें फुल चल रही हैं, लेकिन तेल की कीमतों में तेजी है इससे चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च 2017) के दौरान इनके लाभ पर असर पड़ना उचित लगता है. विमान ईंधन का भाव एक साल पहले की तुलना में 37.9 प्रतिशत ऊपर चल रहा है.एजेंसी के अनुसार एयरलाइनों का प्रति किलोमीटर उपलब्ध प्रति सीट (प्रति एएसकेएम) जनवरी में बढ़कर 1.16 रुपये हो गया जबकि एक साल पहले यह 82 पैसे था. बता दें कि भारत में एयरलाइनों में इस वित्त वर्ष के पहले दस महीनों में यात्री संख्या में वृद्धि 23.2 प्रतिशत रही और यह साल यात्रियों की संख्या की दृष्टि से अब का एक सबसे अच्छा वर्ष साबित हुआ है. जनवरी में यात्री संख्या की वृद्धि सालाना आधार पर 25.3 प्रतिशत रही जबकि अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की संख्या में 8.8 प्रतिशत की औसत दर्जे की वृद्धि देखी गई. यह भी पढ़ें एयर इंडिया का 231 यात्रियों वाला विमान लापता अंतरराष्ट्रीय फ्लाइट को महिला क्रू ने संचालित कर बनाया विश्व रिकार्ड