दशहरे के दिन करें पान से बुरी शक्तियों का विनाश

हिन्दू धर्म में दशहरे की बहुत मान्यता है इसे बड़ी धूम धाम से मनाया जाता है. कहा जाता है की रावण के अंत के साथ बुरी शक्तियां भी नष्ट हो जाती है. कुछ लोग दशहरे के दिन अपने घर के वाहन को अच्छे से धो कर उसकी पूजा करते है. कुछ लोग अपने अस्त्र शस्त्र की भी पूजा करते है ऐसा करने से रावण के साथ साथ घर की बुरी शक्तियों का भी नाश हो जाता है, और असत्य पर सत्य की विजय प्राप्त हो जाती है ऐसा भी माना जाता है की दशहरे के दिन पान खाने का रिवाज़ है-

पान को जीत का प्रतीक माना गया है. पान प्रेम का पर्याय है. दशहरे में रावण दहन के बाद पान खाने की परम्परा है. ऐसा माना जाता है की दशहरे के दिन पान खाकर लोग असत्य पर हुई सत्य की जीत की खुशी मनाते हैं.

पान का पत्ता मान और सम्मान का प्रतीक माना गया है. इसलिए यह हर शुभ कार्य में इसका उपयोग किया जाता है नवरात्रि में पुजन के दौरान मां को पान-सुपारी चढ़ाने का विधान होता है, इसी के साथ पान के पत्ते का उपयोग विवाह से लेकर हर धार्मिक शुभ काम में किया जाता है.

शारदीय नवरात्रि के समय मौसम बदलता है. और इसी मौसम के कारण लोगो में विभिन्न प्रकार की बीमारियाँ, रोग फैलते है और इससे लोगो में जान का खतरा बढ़ जाता है. ऐसे मे यह परम्परा लोगो की बीमारियों से रक्षा करती है. नौ दिन के उपवास के बाद लोग अन्न ग्रहण करते हैं जिसके कारण उनकी पाचन की क्रिया प्रभावित होती है. पान का पत्ता पाचन की प्रक्रिया को सामान्य बनाए रखता है.

 

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