माँ बनना अपने आप में एक सुखद अनुभव होता है, इसे बयां करने के लिए शब्द कम पड़ जाते है. जिन महिलाओ के पति में स्पर्म काउंट जीरो होता है, उन्हें माँ बनने में स्पर्म बैंक मदद करते है. स्पर्म बैंक में किसी स्वस्थ पुरुष का स्पर्म लेकर स्टोर किया जाता है और जरूरतमंद कपल्स को फर्टिलिटी क्लिनिक्स के जरिये उपलब्ध करवाया जाता है. आपको बता दे, स्पर्म डोनेट वह कर सकता है जो 21 से 45 साल का शादीशुदा पुरुष है और तीन साल के उम्र के एक स्वस्थ बच्चे के पिता हो. डोनर को ऐसी कोई बीमारी नहीं होनी चाहिए जो स्पर्म के जरिये बच्चे में ट्रांसफर हो जाए. डोनर के कई टेस्ट करवाए जाते है. एक टेस्ट के बाद स्पर्म को 6 महीने के लिए ऑब्जर्वेशन पर रखा जाता है. उसके बाद वापस टेस्ट किया जाता है. डोनर की आदतें, इंटेलिजेंसी वगैरह चेक किये जाते है क्योकि वह बच्चे में ट्रांसफर होते है. स्पर्म सैम्पल के साथ डोनर की हाइट, आँखों और बालो का रंग, स्किन के बारे में जानकारी रखी जाती है. स्पर्म चाहने वाले इच्छुक अपनी मर्जी के अनुसार स्पर्म ले सकते है. जरूरतमदं लोगो को स्पर्म सैम्पल फर्टिलिटी क्लिनिक के जरिये स्पर्म बैंक देता है. ये भी पढ़े लेजर हेयर तकनीक के इस्तेमाल से होते है नुकसान ब्रेन को स्वस्थ रखने के लिए न करे ये चीजे ओम के उच्चारण से होते है ये लाभ