आप सभी को बता दें कि हिंदू पंचांग के अनुसार साल में कुल मिलाकर 24 एकादशी होती है जिनमें से देवउठनी एकादशी का विशेष महत्व माना जाता है वहीं देवउठनी एकादशी को देवत्थान एकादशी, देवप्रबोधिनी एकादशी और ग्यारस एकादशी के नाम से भी पुकारा जाता हैं. कहते हैं पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस एकादशी पर भगवान विष्णु 4 महीनों की गहरी नींद के बाद जागते हैं और उनके जागने पर ही सभी शुभ काम शुरू हो जाते हैं. आप सभी को बता दें कि इस बार 19 नवंबर को देवउठनी एकादशी है और देव उठनी एकादशी पर तुलसी विवाह किया जाता है जिसे छोटी दीवाली भी कहा जाता हैं. अब आइए जानते हैं तुलसी विवाह से जुड़ी कुछ बातें जो जानने योग्य है. 1. कहते हैं तुलसी विवाह में वे सभी चीजें शामिल करना चाहिए जो एक विवाह कराने में जरूरी होता है वहीं जिस तरह विवाह में लाल चुनरी का होना आवश्यक माना जाता है उसी तरह से तुलसी विवाह में लाल चुनरी का प्रयोग होना चाहिए. इसी के साथ तुलसी विवाह में सुहाग की सारी सामग्री के साथ लाल चुनरी जरूर चढ़ाएं. 2. कहा जाता है तुलसी विवाह के दौरान भगवान शालिग्राम को माता तुलसी के पास रखना चाहिए और पूजा के दौरान इस बात का ध्यान जरूर रखना चाहिए कि उन पर चावल न चढ़ाएं बल्कि इसकी जगह तिल को अर्पित करें. 3. कहते हैं जिस प्रकार से किसी शादी समारोह में विवाह मंडप होता है उसी तरह से गन्ने का प्रयोग करके तुलसी विवाह के लिए मंडप सजाना चाहिए और पूजा करना चाहिए. 4. कहते हैं तुलसी और शालिग्राम जी के विवाह के दौरान दूध में भीगी हल्दी के साथ दोनों की पूजा करनी चाहिए. 5. वहीं तुलसी विवाह के दौरान शाम को तुलसी के पौधे को घर के आंगन या छत के बीच में रखना चाहिए और फिर पूजा करनी चाहिए. एकादशी के दिन जरूर रखे इन बातों का ध्यान वरना होगा नुकसान देवउठनी एकादशी पर इस तुलसी स्तुति से करें माँ को प्रसन्न अगर आप हैं पितृदोष से पीड़ित, तो इस ग्यारस को करें यह काम