हिंदू धर्म में आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि का खास महत्व माना गया है। जी हाँ और इसको देवशयनी एकादशी या हरिशयनी एकादशी कहते हैं। आप सभी को बता दें कि इस साल देवशयनी एकादशी 10 जुलाई को है और इस दिन से भगवान विष्णु चार माह के लिए योग निद्रा में चले जाते हैं, जिसके बाद से चातुर्मास प्रारंभ हो जाता है। आप सभी को बता दें कि इसके बाद इस तारीख से चार माह के लिए मांगलिक कार्यक्रम बंद हो जाते हैं। हालाँकि ऐसे में देवशयनी एकादशी के अवसर पर लोग विधि-विधान से भगवान विष्णु की पूजा करते हैं और व्रत रखते हैं।कहा जाता है देवशयनी एकादशी का व्रत सभी मनोकामनाओं को पूरा करने वाला माना गया है और इस दिन किए गए पूजन व दान-पुण्य से अक्षय पुण्य की प्रप्ति होती है। जी दरअसल देवशयनी एकादशी व्रत को करने के कुछ नियम हैं, जिनका पालन करना अति आवश्यक है। आज हम आपको इन नियमों के बारे में बताने जा रहे हैं। देवशयनी एकादशी व्रत के नियम- धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, देवशयनी एकादशी व्रत करने वाले व्यक्ति को दशमी के दिन यानी 09 जुलाई के दिन से तामसिक भोजन और विचारों का सेवन बंद कर देना चाहिए। इसके अलावा तामसिक खाद्य पदार्थों में मांस, लहसुन, प्याज के अलावा शराब, सिगरेट, तंबाकू आदि भी शामिल है। व्रत वाले दिन इनका सेवन न करें। * शुभ फल की प्राप्ति के लिए घर के उत्तर-पश्चिम दिशा में भगवान विष्णु की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करके व्रत का पूजन करें। ऐसी मान्यता है कि इससे धन-धान्य में वृद्धि होती है। * हिंदू धर्म के अनुसार भगवान विष्णु का प्रिय रंग पीला है। इसके चलते एकादशी व्रत वाले दिन संभव हो, तो आप पीले रंग के कपड़े पहनें। इसी के साथ ही देवशयनी एकादशी पर भगवान विष्णु की पूजा में पंचामृत, तुलसी का पत्ता, पीले फूल, केसर, हल्दी का विशेष उपयोग करना चाहिए। * मान्यताओं के अनुसार, देवशयनी एकादशी व्रत लोग अपने पापों से मुक्ति के लिए करते हैं। जी हाँ और ऐसे में इस दिन आपको दूसरों के प्रति घृणा, क्रोध, गलत विचार, बुरे कर्मों से दूर रहना चाहिए। * ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, एकादशी के दिन नाखून, बाल, दाढ़ी आदि नहीं काटना चाहिए। इसी के साथ ही इस दिन साबुन, तेल आदि का उपयोग वर्जित माना जाता है। इस साल कब है जन्माष्टमी, जानिए सही तिथि और शुभ मुहूर्त अगर कुंडली में है गुरु दोष तो गुरु पूर्णिमा पर करें यह उपाय 9 जुलाई को है गौरी व्रत, जानिए पूजा विधि