रांची: झारखंड के धनबाद जिला सत्र के जज उत्तम आनंद की मौत के मामले में शीर्ष अदालत में शुक्रवार को सुनवाई हुई. मुख्य न्यायाधीश (CJI) एनवी रमन्ना ने कहा कि, अटॉर्नी जनरल से कहा कि इस मामले में हम आपका असिस्टेंस चाहते हैं, क्योंकि जिस प्रकार की घटनाएं हो रही हैं, वह चिंता बढ़ाने वाली हैं. CJI ने कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा है कि यह राज्य की नाकामी है और न्यायमूर्ति को सुरक्षा दी जानी चाहिए थी. सुनवाई के दौरान झारखंड सरकार के वकील ने कहा कि इस मामले में हमने घटना के दिन ही 22 सदस्यीय वाली SIT टीम का गठन किया था. 2 लोगों को अरेस्ट कर पूछताछ की जा रही है. वहीं, CBI ने गुरुवार से मामले की तफ्तीश भी शुरू कर दी है. इस पर CJI ने कहा कि इसका मतलब है कि आपने मामले से अपने हाथ वॉश कर लिए यानी हाथ पीछे खींच लिए? वहीं, CJI ने यह भी कहा कि वर्ष 2019 में ऐसे मामले में केंद्र सरकार को जवाब देना था, किन्तु उन्होंने नहीं दिया. अब एक सप्ताह में केंद्र सरकार जवाब दे. CJI ने कहा कि, ''इस देश में कई ऐसे मामले हैं, जिसमें गैंगस्टर/हाई प्रोफाइल लोग शामिल हैं. ऐसे लोग न्यायमूर्तियों को धमकी देते हैं, कुछ मामलों में CBI जांच के आदेश भी हुए, किन्तु CBI ने कुछ नहीं किया.'' CJI ने कहा कि सॉरी टू ऑब्जर्व्ड, किन्तु CBI के व्यवहार में कोई परिवर्तन नहीं आया है. झारखंड के मामले में हम CBI को सुनना चाहते हैं.'' बता दें कि शीर्ष अदालत इस मामले में अगली सुनवाई सोमवार को करेगी. लोकसभा ने पूर्वव्यापी कराधान को खत्म करते हुए कर संशोधन विधेयक किया पारित कांग्रेस के पूर्व MLA का पोता अब्दुल रहमान गिरफ्तार, आतंकी संगठन IS से जुड़ रहे तार बाजार नियामक सेबी ने भारतीय बाजार में मान्यता प्राप्त निवेशकों की अवधारणा को किया पेश