इस वक़्त अधिकमास चल रहा है। अधिमास की वजह से इस बार एक माह देरी से नवरात्र आरम्भ होंगे। शारदीय नवरात्रि का फेस्टिवल इस वर्ष 17 अक्टूबर से आरम्भ हो रहा है। हिन्दू पंचांग के मुताबिक, अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से शारदीय नवरात्रि आरम्भ होती है। इस बार ये दिनांक 17 अक्टूबर को है। बीते वर्ष 17 सितंबर को सर्वपितृ अमावस्या के अगले दिन से शारदीय नवरात्रि का आरम्भ हो गया था। परन्तु इस बार दो सितंबर से पितृपक्ष आरम्भ हुआ जो 17 सितंबर को ख़त्म हो गया। वही 18 सिंतबंर से अधिमास लग गया। यह अधिकमास 28 दिन का है। इस अंतराल में कोई फेस्टिवल नहीं मनाया जाता है तथा कोई भी शुभ कार्य भी नहीं किये जाते है। इसलिए लोगों को पूरे एक माह प्रतीक्षा करना पड़ेगी। 17 अक्टूबर से शारदीय नवरात्र आरम्भ होगा। इस वर्ष घटस्थापना पर खास संयोग बन रहा है। आइए जानते है शारदीय नवरात्रि में किस दिन किस देवी की होगी पूजा:- 17 अक्टूबर- मां शैलपुत्री पूजा, घटस्थापना 18 अक्टूबर- मां ब्रह्मचारिणी पूजा 19 अक्टूबर- मां चंद्रघंटा पूजा 20 अक्टूबर- मां कुष्मांडा पूजा 21 अक्टूबर- मां स्कंदमाता पूजा 22 अक्टूबर- षष्ठी मां कात्यायनी पूजा 23 अक्टूबर- मां कालरात्रि पूजा 24 अक्टूबर- मां महागौरी दुर्गा पूजा 25 अक्टूबर- मां सिद्धिदात्री पूजा इसके साथ ही मां दुर्गा की मूर्ति अथवा चित्र, लाल चुनरी, आम की पत्तियां, चावल, दुर्गा सप्तशती की पुस्तक, लाल कलावा, गंगा जल, चंदन, नारियल, कपूर, जौ के बीच, मिट्टी का बर्तन, गुलाल, सुपारी, पान के पत्ते, लौंग, इलायची पूजा थाली में अवश्य रखें। साथ ही शारदीय नवरात्रि माता दुर्गा की भक्ति के लिए सबसे श्रेष्ठ मानी जाती हैं। इस बार शारदीय नवरात्र की शुरुआत शनिवार के दिन हो रही है। ऐसे में देवीभाग्वत पुराण के कहे श्लोक के मुताबिक माता का वाहन अश्व होगा। इस शहर के साई मंदिर की परिक्रमा बस से होती है मनोकामना पूरी इस वजह से रखा जाता है शनिवार का उपवास आखिर क्यों मनाई जाती है नवरात्रि? जानिए वजह