छतरपुर: हाल के दिनों में ख़बरों में आए बागेश्वर धाम वाले धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने ट्रेन नें बिना टिकट पकड़े जाने के प्रश्न पर एक इंटरव्यू में कहा कि ये भी दुनिया को बताना चाहिए कि मैं टीटी से 1100 रुपये लेकर लौटा था। इस पर उन्होंने आगे बोला, 'अपने वाईवाई के दम पर उसके बाप का नाम बताकर लेकर आए थे।' उन्होंने कहा कि वो कोई भगवान नहीं हैं बल्कि एक आम मनुष्य हैं। बस उनके ऊपर बरजंग बली की कृपा है। पैसे एवं दान लेने के बात पर उन्होंने कहा कि दक्षिणा लेने की परंपरा तो महाभारत काल से चली आ रही है। वो उस परंपरा से आते हैं जिसमें अंगूठा तक दान में दिया गया था। उन्होंने बोला कि उनके दरबार में आने वाले भक्त प्रेम से जो कुछ देते हैं उसे वो प्रेम स्वरूप स्वीकार करते हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि उन रुपयों से लोगों की भालाई का काम किया जाता है। वही साई बाबा को लेकर उन्होंने कहा कि मुझे साई बाबा या किसी भी संत से कोई अर्थ नहीं है और न ही कोई बैर है। मुझे परेशानी उन लोगों से हैं जो खुले मंच से संत एवं सनातनियों को मारने-काटने की बात करते हैं तथा उनके खिलाफ गाली-गलौज करते हैं। उन्होंने बताया कि आज भी 400 से 500 मुस्लिम परिवार उनके साथ हैं। उन्होंने यहां तक बोला कि उनके कई दोस्त मुस्लिम हैं एवं आज भी उनकी उनसे बात होती है। उन्होंने कहा, 'दरबार तीन पीढ़ियों से लगा रहे हैं। दादा गुरुजी के वक़्त से इसकी शुरुआत हुई थी। हम भी 11 साल से लगा रहे हैं।' उन्होंने अपने विद्यालय का रोचक किस्सा सुनाते हुए कहा कि विद्यालय के बच्चे उनसे आकर पूछते थे कि उनके परीक्षा में कितने नंबर आएंगे। मैं उसे कह देता था कि इस बार 55 आए हैं अगली बार मेहनत करो 60 प्रतिशत आएंगे। धर्मांतरण कर ईसाई बने पड़ोसियों ने किया दिव्यांग युवती का जीना दुश्वार, हुई दर्दनाक मौत गोल्फ मैच में रंधावा और भुल्लर संयुक्त 12वें स्थान पर पहुंचे सीरिया जाकर 'आतंकी' बनना चाहता था आरिफ, 2 साल से अल क़ायदा के संपर्क में था, NIA ने दबोचा