महेंद्र सिंह धोनी. परिचय के लिए नाम ही काफी है. आज अपना 37वां जन्मदिन मना रहे है है. एक खिलाड़ी हैं के साथ साथ धोनी एक बेहद अच्छे इंसान भी है. भारतीय क्रिकेट में 14 साल गुजरने के बाद उन्होंने टीम को बहुत कुछ दिया और खुद भी आसमान की बुलंदी पर पहुंचे- धोनी का सफर और उपलब्धियां एक नज़र में - 7 जुलाई, 1981 को रांची में पान सिंह के घर जन्में महेंद्र सिंह धोनी उनके परिवार में माता-पिता के अलावा उनकी बहन जयंती और भाई नरेंद्र भी हैं. पत्नी साक्षी और बेटी जीवा उनके जीवन का अभिन्न अंग है धोनी का पहला प्यार फुटबॉल रहा है. वे अपने स्कूल की टीम में गोलकीपर थे. इंडियन सुपर लीग में वे उन्होंने चेन्यैन एफसी टीम के मालिक भी हैं. उन्हें बैडमिंटन भी खूब पसंद था. 2001 से 2003 के बीच वो भारतीय रेल में टीटीई की नौकरी कर रहे थे. जूनियर क्रिकेट से बिहार क्रिकेट टीम, झारखंड क्रिकेट टीम से इंडिया ए टीम तक और वहां से भारतीय टीम तक महज 5-6 साल में पहुंच गए दिसंबर 2004 में उन्होंने बांग्लादेश के खिलाफ पहला वनडे खेला पाकिस्तान के खिलाफ अपने पांचवें वनडे मैच में विशाखापट्टनम में 123 गेंदों पर 148 रनों की पारी खेलकर दुनिया को धोनी से मिलवाया पाक के परवेज मुशर्रफ ने उन्हें कहा था अपने लंबे बालों को कभी मत कटवाना मोटरबाइक्स के दीवाने हैं. दो दर्जन लेटेस्ट मोटर बाइक. कारों का भी बड़ा शौक है. चार जुलाई 2010 को देहरादून की साक्षी रावत से शादी की. धोनी और साक्षी की एक बेटी भी है जिसका नाम जीवा है. महेंद्र सिंह धोनी इकलौते ऐसे कप्तान हैं, जिन्होंने आईसीसी की तीनों बड़ी ट्रॉफी पर कब्जा जमाया है. दिसंबर 2014 में धोनी ने टेस्ट क्रिकेट से अचानक संन्यास की घोषणा कर दी. धोनी कप्तान और खिलाडी- 1 क्रिकेट वर्ल्ड कप 1 टी-20 वर्ल्ड कप 1 चैंपियंस ट्रॉफी 3 आईपीएल खिताब 2 चैंपियंस लीग टी-20 खिताब 9,967 वनडे रन+ विकेट के पीछे 404 शिकार 4,876 टेस्ट रन + विकेट के पीछे 294 शिकार 1,487 टी-20 इंटरनेशनल रन + विकेट के पीछे 82 शिकार शख़्स से शख्सियत बने धोनी की कहानी छोटे शहर के क्रिकेटर्स को सपने देखना सिखाया धोनी ने बोल्ड लुक छोड़ संस्कारी बनी धोनी की गर्लफ्रेंड