मुंबई: शिव सेना (यूबीटी) नेता उद्धव ठाकरे ने सोमवार को पूर्वी मुंबई के कुर्ला में एक कार्यक्रम के दौरान आगामी 2024 लोकसभा चुनाव को लेकर चिंता जताई। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि देश तानाशाही के दरवाजे पर है और इस समय भारत की स्वतंत्रता की रक्षा करना महत्वपूर्ण है। ठाकरे ने कहा कि, "देश कठिन दौर से गुजर रहा है। देश को कौन बचाएगा? अगर इस बार हमने गलती की, तो देश में तानाशाही होगी। देश को आजादी की जरूरत है। एक समय था जब हमने आजादी के लिए लड़ाई लड़ी थी और अब हमें इस आजादी को बनाए रखने के लिए लड़ना होगा। मैं जो भी कर सकता हूं वह करूंगा। देश में भ्रम का माहौल है। तानाशाही हमारे दरवाजे पर आ गई है। हमें इसे रोकना होगा।" दरअसल, उनका कहना ये था कि, अगर 2024 में भी मोदी सरकार वापस आती है, तो देश में तानाशाही आ जाएगी, जो दरवाज़े पर खड़ी है। ठाकरे के अनुसार, अभी मोदी सरकार के शासन में देश कठिन दौर से गुजर रहा है और उन्होंने देश को बचाने का संकल्प लिया है। लेकिन, उन्होंने सीधे तौर पर किसी का नाम न लेते हुए इशारों में अपनी बात कह दी। जैन समुदाय के एक कार्यक्रम में बोलते हुए उन्होंने जनता से आगामी आम चुनावों में सतर्क रहने की अपील की। जैन संतों से आशीर्वाद मांगते हुए, ठाकरे ने कहा, "मैं यहां आपसे आशीर्वाद लेने आया हूं। किसी व्यक्तिगत लाभ के लिए नहीं। मेरे पास मेरे माता-पिता का आशीर्वाद है और मैं उन्हें गौरवान्वित करना चाहता हूं। मैं यहां देश के लिए आपका आशीर्वाद मांगने आया हूं।" पिछले साल जून में भाजपा से विभाजन के बाद उभरा एक गुट, शिवसेना (यूबीटी) 2024 के चुनावों में भाजपा का मुकाबला करने के लिए गठित विपक्षी INDIA ब्लॉक गठबंधन का हिस्सा है। 2019 के महाराष्ट्र चुनावों के बाद, उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में शिवसेना ने भाजपा से नाता तोड़ लिया और एनसीपी और कांग्रेस के साथ महा विकास अघाड़ी सरकार बनाई। MP की नई कैबिनेट को लेकर आई शिवराज सिंह चौहान की प्रतिक्रिया, बोले- 'मंत्रिमंडल पूरी तरह संतुलित' 'देश के विकास में मार्गदर्शक का काम करते हैं ईसा मसीह के सन्देश..', पीएम मोदी ने अपने आवास में ईसाई समुदाय के साथ मनाया क्रिसमस 'राम तो मेरे दिल में है..', सुप्रीम कोर्ट में राम मंदिर के खिलाफ केस लड़ने वाले कपिल सिब्बल के सुर कैसे बदले ?