चंडीगढ़: विनेश फोगाट, जिन्होंने पेरिस ओलंपिक में डिस्क्वालिफाई होने के बाद भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) और भारत सरकार पर सहयोग न करने का आरोप लगाया था, अब खुद सवालों के घेरे में हैं। उन्होंने दावा किया था कि IOA अध्यक्ष पीटी ऊषा सिर्फ फोटो खिंचवाने के लिए उनके पास आईं और सरकार ने जान-बूझकर उनकी मदद नहीं की। लेकिन, भारत के पूर्व सॉलिसिटर जनरल हरीश साल्वे ने उनके इस बयान को गलत ठहराया है। हरीश साल्वे, जिन्होंने कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट्स (CAS) में विनेश का केस लड़ा, ने स्पष्ट किया कि इस मामले में भारत सरकार का कोई रोल नहीं था, क्योंकि IOA स्वतंत्र रूप से काम करता है और सरकार का हस्तक्षेप उसे अयोग्य ठहरा सकता है। साल्वे के अनुसार, IOA ने इंटरनेशनल ओलंपिक कमेटी (IOC) के फैसले को CAS में चुनौती दी थी, लेकिन CAS का फैसला विनेश के पक्ष में नहीं आया। साल्वे ने यह भी खुलासा किया कि उन्होंने खुद विनेश को स्विस कोर्ट में अपील करने का विकल्प दिया गया था, जिसे विनेश ने ठुकरा दिया। इस दावे के बाद यह सवाल उठता है कि जब विनेश को खुद स्विस कोर्ट में अपील करने का अवसर दिया गया और उन्होंने इसे आगे बढ़ाने से इनकार कर दिया, तो वे किस आधार पर अपनी कानूनी टीम और IOA को अपने मेडल हारने के लिए दोषी ठहरा सकती हैं? यदि उन्हें न्याय मिलने का एक और मौका दिया गया था, और उन्होंने इसे अपनाने से इनकार किया, तो उनके द्वारा लगाए गए आरोपों की सत्यता पर सवाल खड़ा होना स्वाभाविक है। इस बीच, विनेश फोगाट ने राजनीति में कदम रखते हुए हाल ही में कांग्रेस पार्टी जॉइन की और उन्हें हरियाणा की जुलाना विधानसभा सीट से टिकट दिया गया। उनके इस फैसले से उनके चाचा और कोच महावीर फोगाट ने नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि विनेश को 2028 के ओलंपिक के बाद चुनाव लड़ना चाहिए था और फिलहाल उन्हें देश के लिए गोल्ड मेडल जीतने पर ध्यान देना चाहिए था। विनेश के आरोप और उनके चुनावी कदम ने खेल जगत में काफी हलचल मचाई है, खासकर तब जब उनके अपने कोच और चाचा भी उनके इस निर्णय से निराश हैं। '7.5% की दर से बढ़ेगी भारतीय अर्थव्यवस्था..' , RBI गवर्नर ने जताया पूर्वानुमान 11 साल बाद फिर भैंस ढूंढने में जुटी यूपी पुलिस, जानिए क्या है मामला ? 'युद्ध ख़त्म कर देंगे अगर..', रूस ने भारत समेत अन्य देशों को बताई 5 शर्त