मोटापे के विभिन्न कारण होते हैं, और यह हर व्यक्ति के शरीर पर अलग-अलग तरीके से प्रभाव डालता है। शरीर के अलग-अलग हिस्सों में फैट जमा होने के पीछे हार्मोनल असंतुलन की भूमिका हो सकती है। आइए जानें कि कैसे विभिन्न हार्मोन शरीर के विभिन्न हिस्सों पर फैट जमा करने में योगदान देते हैं: एब्डॉमिनल फैट (पेट की चर्बी): पेट के ऊपरी हिस्से में अधिक फैट जमा होने का मुख्य कारण कार्टिसोल और इंसुलिन रेजिस्टेंस हो सकते हैं। तनाव की स्थिति में कार्टिसोल हार्मोन की मात्रा बढ़ जाती है, जिससे पेट के ऊपरी हिस्से में चर्बी जमा होती है। पुरुषों के चेस्ट पर फैट: पुरुषों के चेस्ट पर फैट जमा होने की संभावना बढ़ जाती है जब उनके शरीर में एस्ट्रोजन का स्तर अधिक होता है। यह हार्मोन आमतौर पर महिलाओं में पाया जाता है, लेकिन पुरुषों में इसकी अधिकता के कारण चेस्ट पर फैट जमा हो सकता है। फेस फैट (चेहरे की चर्बी): चेहरे पर फैट जमा होने का कारण हाई कार्टिसोल, महिलाओं में पीसीओएस, और इंसुलिन रेजिस्टेंस हो सकते हैं। इससे चेहरा गोल और फैला हुआ दिख सकता है। चेहरे की चर्बी कम करने के लिए वजन को कंट्रोल करने और सही आहार पर ध्यान देने की आवश्यकता है। अपर बॉडी फैट (ऊपरी शरीर की चर्बी): बाजू, पीठ, गर्दन और चेस्ट के आसपास की चर्बी का मुख्य कारण एंड्रोजन हार्मोन का असंतुलन हो सकता है। एंड्रोजन हार्मोन को संतुलित रखने के लिए अखरोट और बादाम जैसे फूड्स का सेवन लाभकारी हो सकता है, जो पॉलीअनसैचुरेटेड फैट से भरपूर होते हैं। हिप फैट (हिप और जांघों की चर्बी): हिप्स और जांघों पर अधिक फैट जमा होने का कारण हाई एस्ट्रोजन लेवल हो सकता है। इसे नियंत्रित करने के लिए प्रोटीन युक्त आहार और तनाव प्रबंधन महत्वपूर्ण हैं। साथ ही, नियमित एक्सरसाइज भी वजन को नियंत्रण में रखने में सहायक होती है। इन हार्मोनल असंतुलनों को समझकर और उचित आहार और जीवनशैली अपनाकर फैट को नियंत्रित किया जा सकता है। व्यस्त सुबह के लिए 6 त्वरित और स्वस्थ नाश्ते की रेसिपी अपना दिन शुरू करने के लिए त्वरित और आसान कम कैलोरी वाले स्नैक्स खाना खाने के कितने घंटे के बाद वर्कआउट करना सही? यहाँ जानिए