अलग-अलग पौधों में होता है अलग-अलग भगवानों का वास, जानिए यहाँ

कहते हैं बहुत से ऐसे उपाय और टोटके हैं जो आप कर सकते हैं और उन्हें करने के बाद खुद को एक सफल व्यक्ति बना सकते हैं. ऐसे में हिंदुओं के धर्मशास्त्र शिवपुराण में बताया गया है कि वृक्ष लगाने से मनवांछिंत फल प्राप्त होते हैं. जी हाँ, शिवपुराण में भीष्म को महर्षि पुलस्त्य ने विभिन्न वृक्षों के बारे में बताया है और कहा कि वृक्ष पुत्रहीन व्यक्ति को पुत्र होने का वरदान देते है. तो आइए जानते हैं, किस वृक्ष को लगाने से क्या फल प्राप्त होता है:

पीपल का वृक्ष - कहते हैं इस वृक्ष को लगाने से एक हजार पुत्रों के बराबर फल मिलता है और धन की प्राप्ति होती है. साथ ही पीपल से रोग का नाश होता है. अशोक के वृक्ष - कहते हैं इस वृक्ष को लगाने से शोक का नाश होता है. पाकड़ का वृक्ष - कहते हैं इस वृक्ष को लगाने से यज्ञ का फल देने वाला होता है. नीम के वृक्ष - कहते हैं इस वृक्ष को लगाने से से दीर्घायु प्राप्त होती है. जामुन के वृक्ष - कहते हैं इस वृक्ष को लगाने से कन्या रत्न की प्राप्ति होती है. अनार के वृक्ष - कहते हैं इस वृक्ष को लगाने से पत्नी की प्राप्ति होती है. पलाश - कहते हैं इस वृक्ष को लगाने से  ब्रह्मतेज मिलता है. खैर का वृक्ष - कहते हैं इस वृक्ष को लगाने से आरोग्य की प्राप्ति होती है. नीम का वृक्ष - कहते हैं इस वृक्ष को लगाने से भगवान सूर्य प्रसन्न होते हैं. बेल के वृक्ष - कहते हैं इस वृक्ष को लगाने से भगवान शिव का वास होता है. गुलाब - कहते हैं इस वृक्ष को लगाने से देवी पार्वती का निवास है. अशोक के वृक्ष - कहते हैं इस वृक्ष को लगाने से घर में गंर्धव का निवास जो जाता है. बेंत का वृक्ष - कहते हैं इस वृक्ष को लगाने से लुटेरे घर में नहीं आते हैं. चंदन के वृक्ष - कहते हैं इस वृक्ष को लगाने से पुण्य और कटहल के पेड़ से लक्ष्मी प्राप्त होती है. ताड़ का वृक्ष - कहते हैं इस वृक्ष को लगाने से संतान का दुःख खत्म हो जाता है. मौलसिरी - कहते हैं इस वृक्ष को लगाने से कुल की वृद्धि होती है. केवड़े - कहते हैं इस वृक्ष को लगाने से शत्रु का नाश होता है.

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