दुनिया की दिग्गज टेलीकॉम कंपनी वोडाफोन आइडिया को AGR बकाया में ₹50 अरब से अधिक इंक्रीमेंटल अपफ्रंट ड्यूज का भुगतान करने में मुश्किल आ सकती है. ब्रोकरेज, क्रेडिट सुइस ने अपनी रिपोर्ट में यह बात कही है. एक रिपोर्ट में कहा गया है कि ₹69 अरब एजीआर बकाया का भुगतान करने के बाद अनुमान है कि मार्च 2020 तक वोडाफोन आइडिया के पास ₹60 अरब कैश बचा होगा, क्योंकि वित्त वर्ष 2020 की चौथी तिमाही में कोई वृद्धिशील कैपेक्स नहीं था. चीन को एक और झटका देने की तैयारी, चीनी सामानों पर बढ़ सकती है कस्टम ड्यूटी अपने बयान में क्रेडिट सुइस ने कहा कि वोडाफोन इंडिया लिमिटेड (VIL) के पास इंक्रीमेंटल डेब्ट फंड तक पहुंच नहीं होने के कारण VIL के लिए ₹50 अरब से अधिक वृद्धिशील बकाया का भुगतान करना मुश्किल होगा. दूसरी ओर पहले से ही 48 फीसद बकाया का भुगतान करने पर वृद्धिशील अग्रिम भुगतान की समस्या नहीं होगी. वहीं, भारती एयरटेल को इंक्रीमेंटल अपफ्रंट पेमेंट में कोई समस्या नहीं होगी. आम आदमी पर महंगाई की मार, लगातार 13वें दिन बढ़े पेट्रोल-डीजल के दाम इसके अलावा रिपोर्ट में कहा गया है कि VIL कैश फ्लो की स्थिति FY22 के बाद चुनौतीपूर्ण होगी. रिपोर्ट के मुताबिक, VIL दो साल के मोरेटोरियम पर वित्तीय वर्ष FY22 तक अपनी नकदी की समस्या का प्रबंधन कर सकता है. इसमें कहा गया है कि कंपनी को 2022 से अलग AGR बकाया देना चुनौतीपूर्ण लग सकता है. वही, मालूम हो कि भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया लि. जैसी निजी संचार कंपनियों की ओर से एजीआर से संबंधित बकाया राशि के भुगतान को लेकर दाखिल हलफनामों का जवाब देने के लिए दूरसंचार विभाग ने कुछ समय मांगा है. गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई में कोर्ट ने आइडिया और वोडाफोन से बैलेंश सीट दिखाने को कहा है. कोर्ट ने कहा कि कोरोना महामारी के कारण सरकार को पैसे चाहिए. रिलायंस इंडस्ट्री की बड़ी उपलब्धि, डेडलाइन से 9 माह पहले कर्जमुक्त हुई कंपनी आम आदमी पर पड़ेगी महंगाई की मार, चीनी के दाम बढ़ाने पर विचार कर रही सरकार हरे निशान में खुला शेयर बाजार, सेंसेक्स 34500 के पार