उज्जैन: भाजपा द्वारा कांग्रेस पर हमास और फिलिस्तीन मुद्दे का समर्थन करने को लेकर निशाना साधने के बीच, पार्टी नेता और पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने बुधवार (11 अक्टूबर) को कहा कि कांग्रेस कभी भी हमास जैसे "उग्रवादी" संगठन का समर्थन नहीं करेगी, जिसे "आतंकवादी गतिविधि" कहा जा सकता है। दिग्विजय सिंह ने यह भी कहा कि कांग्रेस हमेशा आतंकवाद और हिंसा के खिलाफ रही है। उन्होंने एक सवाल का जवाब देते हुए उज्जैन में संवाददाताओं से कहा कि, ''फिलिस्तीन और इज़राइल के बीच सीमा विवाद है। हमास एक उग्रवादी संगठन है और हम (कांग्रेस) कभी इसका समर्थन नहीं करेंगे... आप इसे आतंकवादी गतिविधि कह सकते हैं।'' बता दें कि, इजराइल पर हुए हमले के दो दिन बाद यानी सोमवार (9 अक्टूबर) को कांग्रेस ने सुबह एक बयान जारी करते हुए इजराइल पर हुए हमले की निंदा की थी, हालाँकि, कांग्रेस ने हमले को आतंकी हमला कहने से परहेज किया था। लेकिन, इसके बावजूद कांग्रेस के मुस्लिम समर्थक नाराज़ हो गए थे और सोशल मीडिया पर कांग्रेस को वोट न देने की धमकी देने लगे थे। इसके बाद कांग्रेस ने उसी दिन शाम को बड़ा यू-टर्न लेते हुए अपनी वर्किंग कमिटी (CWC) की मीटिंग में बाकायदा फिलिस्तीन (हमास) के समर्थन में एक प्रस्ताव पारित किया, यहाँ कांग्रेस ने इजराइल पर हुए हमले का कोई जिक्र ही नहीं किया। ये कदम कांग्रेस ने इसलिए उठाया है कि, उसका मुस्लिम वोट बैंक नाराज़ न हो, क्योंकि आने वाले दिनों में 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव हैं और अगले साल लोकसभा चुनाव। लेकिन, ये भी एक बड़ा सवाल है कि, जिस हमास ने 40 मासूम बच्चों की निर्मम हत्या कर दी, महिलाओं के रेप किए, उन्हें नग्न कर घुमाया, बिना उकसावे के इजराइल के लगभग 900 लोगों का नरसंहार कर दिया, उसे आतंकी संगठन नहीं कहेंगे तो क्या कहेंगे ? लेकिन, कोंग्रस उसे आतंकी कहने से परहेज कर रही है और दिग्विजय सिंह के मुंह से आतंकी शब्द निकल चुका है, ऐसे में ये देखने लायक होगा कि, क्या दिग्विजय पर भी हाई कमान द्वारा अपने बयान से यू-टर्न लेने का दबाव डाला जाएगा ? कट्टरपंथी संगठन PFI को भी दिग्विजय सिंह का समर्थन :- NIA द्वारा प्रतिबंधित कट्टरपंथी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के खिलाफ छह राज्यों में 20 स्थानों पर तलाशी लेने के सन्दर्भ में, कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह ने कहा कि, ''अगर इस संगठन पर कोई आरोप है तो छापेमारी करना ठीक है, लेकिन ऐसे 97 फीसदी मामलों में आरोप झूठे पाए गए।'' बता दें कि, PFI वो संगठन है, जो 2047 तक भारत को इस्लामी देश बनाने के मिशन पर काम कर रहा है, उसका मकसद हर किसी को मुस्लिम बनाना और देश में शरिया कानून लागू करना है। बिहार पुलिस द्वारा जब फुलवारी शरीफ में छापेमारी की गई थी, तो PFI के ठिकानों से 'विज़न 2047' नामक एक दस्तावेज बरामद हुआ था, जिसमे भारत को इस्लामी राष्ट्र बनाने की पूरी साजिश स्टेप बाय स्टेप लिखी गई थी। इसमें बहुसंख्यकों पर सेलेक्टिव हमले करना, (जैसे कि हमने शोभायात्राओं और जुलूसों पर हमले देखे हैं), उसके बाद हिन्दुओं में फूट डालकर SC/ST और OBC को भड़काना, (इसकी कोशिशें भी जारी हैं, जातिवाद जमकर भड़काया जा रहा है) और अंत में मुस्लिमों के संगठित होते ही बलपूर्वक सत्ता पर कब्ज़ा करना है। PFI के इस डॉक्यूमेंट में यह भी लिखा है कि, ''यदि 10 फीसद मुसलमान भी साथ आ गए, तो कायर हिन्दुओं को घुटनों पर ले आएँगे।'' दिग्विजय सिंह के बयान से ऐसा लगता है, जैसे उनकी नज़रों में ये संगठन बिलकुल पाक-साफ़ है और एजेंसियां इसके खिलाफ बेवजह कार्रवाई कर रही हैं। बता दें कि, दिग्विजय सिंह भगोड़े इस्लामी उपदेशक ज़ाकिर नाइक को भी शांतिदूत बता चुके हैं, जबकि कई आतंकी ये कबूल कर चुके हैं कि, वे ज़ाकिर नाइक की तकरीरें सुनकर आतंकी बने। जब ज़ाकिर नाइक पर आतंकवाद को बढ़ावा देने के आरोप लगे, तो वो 2016 में देश छोड़कर भाग गया, और भारत सरकार द्वारा उसे भगोड़ा अपराधी घोषित कर दिया गया, इससे पहले तक दिग्विजय सिंह उसे शांतिदूत बताते रहे थे। जिस हमास ने 40 यहूदी बच्चों को काट डाला, उसे 'आतंकी' कहने से शशि थरूर को परहेज, इजराइल राजदूत बोले- मैं हैरान.. 40 बच्चों की गर्दनें काटी, मृत माँ के पास पड़ा दिखा भ्रूण, आतंकी संगठन हमास ने की दरिंदगी की हदें पार, देखकर बाइडेन भी कांपे कांग्रेस का बड़ा यू-टर्न, सुबह इजराइल पर हुए हमले की निंदा, शाम को फिलिस्तीन का समर्थन, क्या मुस्लिम वोट छिटकने का डर ?