धर्म की रक्षा के लिए महिलाओं ने उठाई आवाज, नागा सन्यासिन की पूर्ण हुई दीक्षा

उज्जैन/इंदौर: एक ओर जहां भारतीय वायु सेना में महिला पायलट्स की संख्या बढ़ाने का प्रयास हो रहा है वहीं सनातन हिंदू धर्म की रक्षा के लिए गठित हुई सन्यासियों की सेना में भी महिलाओं की संख्या बढ़ रही है. सिंहस्थ 2016 में यह बात साफतौर पर नज़र आ रही है।

दरअसल सदावल रोड़ स्थित आह्वाहन अखाड़े में महिला नागा सन्यासिनों को दीक्षा दी गई. इस दीक्षा के दौरान महिला नागा सन्यासिनों का मुंडन करवाया गया. उन्हें दीक्षा के नियम बताए गए. इन सन्यासिनों को एक साथ भूमि पर बैठाकर दीक्षा की विधि संपन्न करवाई गई।

नदी के घाट पर पवित्र शिप्रा नदी के जल के साथ ही इनका दीक्षा कार्यक्रम पूर्ण हुआ. एक पत्तल में इन्होंने दीक्षा कार्यक्रम पूर्ण किए. इन्होंने ने भी पिंडदान के नियमों को पूर्ण किया. बाद में इनका एक चल समारोह भी निकाला गया|

उल्लेखनीय है कि महिला नागा सन्यासिनों के लिए भी वैसे ही नियम होते हैं जैसे पुरूष नागा सन्यासियों के होते हैं. इन महिला नागा सन्यासियों को वस्त्र के तौर पर अपने शरीर पर केसरिया रंग का वस्त्र धारण करना होता है. यह प्रतीक होता है कि यह सबकुछ त्याग चुकी हैं। 

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