नई दिल्ली: उपचुनावों में करारी हार झेल चुकी कांग्रेस पार्टी ने आगामी चुनाव के मद्देनज़र विपक्षी पार्टी के सभी नेताओं को एक साथ लाने के लिए डिनर डिप्लोमेसी का सहारा लिया था. जिसकी खबर के बाद से ही इस मुद्दे पर राजनीति शुरू हो गई थी, शिवसेना के बाद अब भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने सोनिया गाँधी द्वारा आयोजित भोज पर तंज कसा है. उन्होंने कहा है कि राहुल गांधी को कांग्रेस अध्यक्ष पद सौंपने के बाद यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी गठबंधन को मजबूत करने में जुटी हुई हैं. भाजपा अध्यक्ष ने दावा किया है कि सोनिया की इस डिनर कूटनीति का उनकी पार्टी भाजपा पर कोई असर नहीं पड़ेगा. शाह ने 2019 में होने वाले आम चुनाव को लेकर भी दावा किया कि भले ही यूपी में गठबंधन हो जाए, लेकिन उत्तर प्रदेश में भाजपा 50 प्रतिशत से अधिक वोट लाकर सरकार बनाएगी. अमित शाह ने कहा कि एक जमाने में सभी दल इंदिरा और कांग्रेस के विपक्ष में थे, अब पीएम मोदी और बीजेपी के विपक्ष में हैं, ऐसे में यह शुभ संकेत हैं और इससे बीजेपी की शक्ति और बढ़ेगी. उन्होंने यह भी कहा कि अगर "हमे न्यौता दिया जाता तो हम भी भोज में शामिल होते." आपको बता दें कि सोनिया ने 13 मार्च को 'डिनर डिप्लोमेसी' के तहत तमाम दलों के मुखियाओं को रात के खाने के लिए बुलाया था. पूर्व कांग्रेस चेयरपर्सन सोनिया गांधी ने 10 जनपथ स्थित अपने आवास पर इस डिनर पार्टी की मेजबानी की. जिसमे विपक्ष के सभी बड़े नेता शामिल थे. इनमे एनसीपी के शरद पवार, तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंदोपाध्याय, सपा के रामगोपाल यादव, बसपा के सतीशचंद्र मिश्र, आरजेडी से मीसा भारती और तेजस्वी यादव, सीपीएम से मोहम्मद सलीम, सीपीआई से डी राजा, द्रमुक से कनिमोझी और शरद यादव आदि ने हिस्सा लिया था. विदेश मंत्री के बाद ट्रम्प शासन में एक और बर्खस्तगी ममता के राज्य आएंगे राजशेखर राव, जानें, क्या है मामला ? चुनाव आयोग से गुजारिश, बैलेट पेपर से हो चुनाव