भारत में ऐसे बहुत से चमत्कारी मंदिर है जो अपने चमत्कार के कारण लोगों के मन में महत्वपूर्ण स्थान रखते है इन मंदिरों के दर्शन से लोगों के बहुत से कष्ट दूर हो जाते है ऐसा ही एक चमत्कारी मंदिर बिहार राज्य के बौंसी नगर में स्थित है जिसे पाप हरणी लक्ष्मी नारायण मंदिर कहा जाता है. इस मंदिर के विषय में एक प्राचीन कथा प्रचलित है जिसके अनुसार एक समय में भारत के कांचीपुर नामक स्थान पर चोल राजा का शासन था. किन्तु राजा अपने कुष्ठ रोग से पीड़ित होने के कारण बहुत उदास रहता था. एक बार अपने उपचार के लिए राजा अपने राज्य से बाहर जा रहा था. तभी राजा को मार्ग में बहुत जोर की प्यास लगी जिससे उसने अपने सिपाहियों को पीने के लिए पानी लाने का निर्देश दिया. राजा के सिपाही पीने के पानी की खोज करने लगे किन्तु उन्हें कहीं भी पीने योग्य पानी नहीं मिला तब हारकर उन्होंने एक छोटे से गड्ढे में भरे जल को लेजाकर राजा को दे दिया जैसे ही राजा ने उस जल को स्पर्श किया उसकी उंगलियों का कुष्ठ चमत्कारी रूप से ठीक हो गया. जिससे राजा की ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहा इसके पश्चात राजा ने अपने हांथों में उस गड्ढे का जल भरकर अपने पूरे शरीर डाला जिससे राजा पूर्ण रूप से स्वस्थ हो गया. तब उस राजा ने उस गड्ढे को एक विशाल रूप दिया तथा यही पर राजा ने लक्ष्मी नारायण मंदिर का निर्माण भी करवाया जिसे आज पाप हरणी लक्ष्मी नारायण मंदिर के नाम से जाना जाता है. आज भी बहुत से लोग इस मंदिर में अपने रोगों को दूर करने के लिए आते है तथा इस तालाब में स्नान कर अपने रोगों से मुक्ति पाते है माना जाता है की इस तालाब में स्नान करने से व्यक्ति के कुष्ठ रोग आसानी से ठीक हो जाते है. जानिए कहाँ से आया भोलेनाथ के पास त्रिशूल, सांप, डमरू और चंद्रमा इसलिए भगवान शिव के हर मंदिर में होती है नंदी की प्रतिमा इसलिए वर्जित है ब्राह्मणों के लिए लहसुन और प्याज पकिस्तान में है गौरी माता का तीसरा विशाल मंदिर