नई दिल्ली: राष्‍ट्रीय राजमार्गों और राज्य राजमार्गों से 500 मीटर तक शराब की दुकानों पर रोक के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाइवे को डिनोटिफाई सिर्फ इसलिए किया जा रहा है, ताकि शराब की दुकानें बंद न हों और राज्यों को राजस्व मिल सके. बड़ी सड़कों को जिला सड़क का नाम दिया जा रहा है. सुप्रीम कोर्ट ने चंडीगढ़ में स्टेट हाइवे को डिनोटिफाई करने के खिलाफ दायर याचिका पर ये टिप्पणी की. गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद कई राज्यों में हाइवे को डिनोटिफाई करने की कार्रवाई की जा रही है. चंडीगढ़ में कई जगह हाइवे का नाम बदलकर ' मेजर डिस्ट्रिक रोड' कर दिया गया है. इसी को लेकर एराइव सेफ इंडिया NGO ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है. याचिका में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट ने हाइवे पर शराब की दुकानों को बंद करने का फैसला जनहित में लिया था, क्योंकि इससे सड़क दुर्घटनाएं होती हैं. इस आदेश को निष्प्रभावी बनाने के लिए चंडीगढ़ प्रशासन ने अधिसूचना जारी की जो अवैध है, इसे रद्द किया जाना चाहिए, सुप्रीम कोर्ट अब ये तय करेगा कि क्या इस तरह हाइवे को डिनोटिफाई किया जा सकता है. इस मामले की सुनवाई गर्मियों की छुट्टियों के बाद होगी. स्मरण रहे कि गत वर्ष 15 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला दिया था कि राष्‍ट्रीय राजमार्गों और स्‍टेट हाइवे से 500 मीटर तक शराब की दुकानें नहीं होंगी. फिर इस मामले में 31 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा था कि हाइवे पर शराब की दुकानों पर रोक जारी रहेगी, हालांकि हाइवे के किनारे किसी कस्बे में 20 हजार से कम जनसंख्या वाले इलाकों में 220 मीटर तक दुकानें नहीं होंगी. हाइवे किनारे बार और रेस्तरां में भी शराब नहीं बिकेगी. यह भी देखें सुप्रीम कोर्ट ने टाटा-अडाणी को नहीं दी बिजली कीमतें बढाने की अनुमति SC ने दिए गुजरात की कोर्ट को आसाराम मामले में तेजी लाने के निर्देश