दुनियाभर में पाकिस्तान कश्मीर मुद्दे को लेकर भारत की छवि खराब करने में लगा हुआ है. बता दे कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव का एक और मामला सामने आया है. मुल्तान बार एसोसिएशन ने एक प्रस्ताव पारित किया है, जिसके बाद हिंदू और अहमदिया समेत गैर मुस्लिम वकील बार काउंसिल का चुनाव नहीं लड़ सकेंगे. अमेरिकी दूतावासों को उड़ाना चाहता था सुलेमानी, बहुत पहले मार देना चाहिए था- डोनाल्ड ट्रम्प मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, बार काउंसिल का चुनाव लड़ने के इच्छुक वकीलों को भी इस्लाम में अपनी आस्था को साबित करने के लिए एक हलफनामा दाखिल करना अनिवार्य होगा. बता दें कि मुल्तान के जिला बार एसोसिएशन के वकीलों द्वारा यह प्रस्ताव लाया गया था, जिसे पारित कर दिया गया. भारत के साथ युद्ध की आशंका से भयभीत पाकिस्तान, संयुक्त राष्ट्र से लगाई ये गुहार आपकी जानकारी के लिए बता दे कि पाकिस्तान में धार्मिक अल्पसंख्यकों पर अत्याचार के मामले लगातार सामने आते रहते हैं. बहुसंख्यक सुन्नी समुदाय के निशाने पर प्रमुख रूप से हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध और अहमदिया समुदाय के लोग रहते हैं. शियाओं की स्थिति भी वहां बहुत अच्छी नहीं है. यही हाल सिखों का है.अभी कुछ दिनों पहले ही गुरुद्वारा ननकाना साहिब पर एक बेकाबू भीड़ ने हमला कर दिया था. जिसकी भारत ने कड़े शब्दों में निंदा की थी. इसी प्रकार पेशावर में एक सिख युवक की हत्या को लेकर भी पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय बिरादरी ने जमकर आलोचना की थी. अमेरिका ने अपने मुसाफिरों के लिए जारी किया अलर्ट, पाक समेत इन 8 देशों की यात्रा के लिए जारी की अधिसूचना यूक्रेन का बड़ा बयान, कहा- सच नहीं बोल रहा ईरान... खाली हो रहा सरकारी खज़ाना, RBI से 45 हज़ार करोड़ मांगेगी केंद्र सरकार !