शर्मनाक: विश्व की रैकिंग में भारत की कोई भी युनिवर्सिटी शामिल नहीं

नई दिल्ली: सवा सौ करोड़ की जन संख्या वाले भारत जैसे विशाल देश के विश्वविद्यालयों में से एक का भी दुनिया के शीर्ष उच्च शिक्षा संस्थानों की रैकिंग में शामिल नहीं होना ऐसा शर्मनाक विषय है जिस पर गंभीर चिंतन की ज़रूरत है.

बता दें कि विश्व के एक हजार विश्वविद्यालयों की गुणवत्ता का आकलन करने वाली टाइम्स हायर एजुकेशन वर्ल्ड यूनिवर्सिटी की मंगलवार को आई इस रिपोर्ट में दुनिया के 250 शीर्ष संस्थानों में एक भी भारतीय शामिल नहीं है.

उल्लेखनीय है कि भारतीय उच्च शिक्षा संस्थानों में सबसे उम्दा प्रदर्शन करने वाला इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस 201-250 की श्रेणी से नीचे खिसक गया है. वहीं आईआईटी दिल्ली. कानपुर और मद्रास. खड्गपुर. रुड़की भी 401-500 की रैंकिंग से गिरकर 501 से 600 की श्रेणी में चले गए है.जबकि आईआईटी बांबे की रैंकिंग 351-400 के बीच पाई गई है. बीएचयू तो 601 से 800 की श्रेणी में है.

इसके पीछे का मुख्य कारण यह है कि अधिकांश संस्थान अंतरराष्ट्रीयकरण के पैमाने पर खरे नहीं उतरे हैं. दूसरा यह कि भारत में विदेशी छात्रों की संख्या सीमित है और फैकल्टी की स्थिति सुधारने में भी कोई खास प्रगति नहीं होना भी एक कारण है.

बता दें कि भारत इस बात पर संतोष व्यक्त कर सकता है कि शोध आय और गुणवत्ता के मामले में भारतीय संस्थानों में सुधार पाया गया है. जल्द ही भारतीय विश्व विद्यालय भी शीर्ष संस्थानों की सूची में शामिल होंगे.

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