आप सभी जानते ही होंगे कि हिंदू धर्म, शास्‍त्र, वास्‍तु पंचांग आदि में दिशाओं को बहुत महत्‍व दिया गया है। जी हाँ और ज्योतिष शास्त्र के अनुसार किसी भी दिशा में यात्रा करने का एक शुभ मुहूर्त या शुभ दिन होता है। ऐसे में अगर दिशाओं के अनुसार काम ना करें तो वे अशुभ फल देते हैं। केवल यही नहीं बल्कि कई बार गलत दिशा में यात्रा करना या सामान रखना बहुत बुरा साबित हो सकता है। जी हाँ, कहा जाता है अगर शुभ दिन के विपरीत किसी अन्य दिशा में यात्रा की जाए तो न सिर्फ किसी बड़ी दुर्घटना के होने की आशंका होती है बल्कि आपके सभी बनते काम भी बिगड़ सकते हैं। इस वजह से धर्म, ज्‍योतिष, शास्‍त्रों आदि में दिशा शूल को ध्‍यान में रखकर यात्राएं करने की सलाह दी जाती हैं। क्‍या है दिशा शूल?- दिशाशूल से मतलब है कि संबंधित दिशा में यात्राएं करने से बाधाएं आएंगी या कष्‍ट हो सकता है। इसके अलावा संबंधित दिन संबंधित दिशा में यात्रा नहीं करनी चाहिए। हालांकि घर से यात्रा पर निकलने के लिए दिशा शूल को ध्‍यान में रखना चाहिए लेकिन यात्रा से घर वापस आने के लिए दिशा शूल को मानने की जरूरत नहीं होती है। जानिए सप्‍ताह के हर दिन के दिशा शूल- - सोमवार-शनिवार को पूर्व दिशा में दिशा शूल माना जाता है। इसका मतलब है इन दोनों दिनों में पूर्व की यात्रा न करें। - मंगलवार-बुधवार को उत्तर दिशा में दिशा शूल होता है, इसका मतलब है इस दिशा में यात्रा न करें। इसी के साथ ही मंगलवार को उत्तर-पश्चिम कोण में भी दिशा शूल माना जाता है। - बुधवार-शनिवार को उत्तर-पूर्व कोण में दिशा शूल होता है। - गुरूवार को दक्षिण दिशा में दिशा शूल होता है। - शुक्रवार-रविवार को पश्चिम दिशा दक्षिण-पश्चिम कोण में दिशा शूल होता है। - सोमवार-गुरूवार को दक्षिण-पूर्व कोण में भी दिशा शूल माना जाता है। चैत्र नवरात्रि पर बन रहा इन दो बड़े ग्रहों का शुभ योग, हर मनोकामना होगी पूरी शीतला सप्तमी-अष्टमी के दिन जरूर पढ़े-सुने यह कथा 2 अप्रैल को है गुड़ी पड़वा, यहाँ जानिए मनाने का पौराणिक और वैज्ञानिक कारण