कल से श्रीलंका में तीन देशों के बीच ट्राई सीरीज का आयोजन होना हैं. इस टूर्नामेंट में बांग्लादेश, भारत और मेजबान श्रीलंका हिस्सा लेगी. इस ट्राई सीरीज के लिए तैयारियों को अंतिम रूप दे दिया गया हैं. भारतीय टीम इसके लिए पहले ही श्रीलंका पहुंच चुकी हैं. इस निदहास ट्रॉफी को इस वर्ष पूरे 20 वर्ष हो जाएंगे. पह्ली बार निदहास ट्रॉफी का आयोजन वर्ष 1998 में किया गया था. इस बार निदहास ट्रॉफी का आयोजन टी-20 ट्राई सीरीज के रूप में किया जाएगा. जबकि, 1998 में इसका आयोजन एक दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय मैच के रूप में किया जाता था. पह्ली बार निदहास ट्रॉफी का आयोजन 1998 में श्रीलंका के आजाद होने के 50 वर्ष पूर्ण होने के रूप में किया गया था. जबकि, इस वर्ष ट्राई सीरीज का आयोजन श्रीलंका की आजादी के 70 वर्ष पूर्ण होने के रूप में किया जा रहा हैं. 1998 में खेले गए निदहास ट्रॉफी के फाइनल में भारत और श्रीलंका की भिड़ंत हुई थी. तब भारतीय बल्लेबाजों ने पहली बल्लेबाजी करते हुए इतिहास रच दिया था. 1998 में भारतीय टीम के कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन थे. निदहास ट्रॉफी के फाइनल मुकाबले में भारतीय टीम ने टॉस जीतकर पहली बल्लेबाजी करने का फैसला किया. भारतीय टीम का यह फैसला पूरी तरह सही भी साबित हुआ. भारतीय सलामी बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर और सौरव गांगुली ने इस मैच में ऐतिहासिक बल्लेबाजी की थी. दोनों ने पहले विकेट के लिए करीब 45 ओवर तक बल्लेबाजी की. सचिन और गांगुली के जोड़ी ने लंकाई गेंदबाजी को तहस-नहस कर दिया था. भारत का पहला विकेट 252 रन पर गिरा. सचिन और गांगुली दोनों ने ही शतकीय पारे खेली. तेंदुलकर ने 128 और गांगुली ने 109 रन बनाए थे. भारतीय टीम ने कुल 307 रन का स्कोर खड़ा किया था. जो उस समय एक पहाड़ सा स्कोर माना जाता था. भारत ने फाइनल मुकाबला 6 रन से अपने नाम किया था. ट्राई सीरीज : कल मैदान में उतरते ही भारतीय टीम रच देगी इतिहास रोनाल्डो ने रचा इतिहास, यह कारनामा करने वाले दुनिया के पहले खिलाड़ी बने एक मील की दूरी 4 मिनट में तय करने वाले धावक रोजर बैनिस्टर का निधन