नई दिल्ली : भारत और पाकिस्तान के बीच विवाद की स्थिति निर्मित होने के बाद अब भारत पाकिस्तान पर कूटनीतिक दबाव बनाने की तैयारी में है। स्थिति यह है कि सिंधु नदी के जल के विभाजन को लेकर भारत के शीर्ष नेता और अधिकारी अपनी बात वाॅशिंगटन में अपनी बात रख सकते हैं। हालांकि पाकिस्तान भी वाॅशिंगटन में भारत पर आरोप लगाएगा। दोनों देश एक दूसरे पर आरोप लगाऐंगे। इस दौरान महत्वपूर्ण सिंधु जल संधि पर भी चर्चा हो सकती है। पाकिस्तान ने लगाया आरोप विदेश मंत्रालय और जल संसाधन विकास मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा है कि पाकिस्तान नदी जल को लेकर भारत पर आरोप लगा रहा है। उसका कहना है कि भारत ने पाकिस्तान के हिस्से का कुछ प्रतिशत पानी रोक दिया हैं जबकि उसे इस पानी की सप्लाय को रोकना नहीं चाहिए। ऐसे में भारत अपना पक्ष रखेगा और सही स्थिति से विश्व समुदाय को परिचित करवाएगा। इंटरनेशनल आर्बिटरेशन में भी कुछ मसले रखे जाऐंगे। आतंक के साथ बात नहीं भारत द्वारा अपना पक्ष रखते हुए कहा है कि वह पहले भी कहता रहा है कि वार्ता और आतंकी गतिविधियों को सहना एक साथ नहीं हो सकते हैं। भारत और पाकिस्तान ने सिंधु नदी जल समझौते में पानी के वितरण, तकनीकी परेशानियों और अन्य बातें के हल के लिए सिंधु नदी जल आयोग बना रखा है। मगर भारत तब तक बाद नहीं करेगा जब तक कि पाकिस्तान आतंकवाद को प्रेरित करना बंद न कर दे। तीसरा पक्ष नहीं चलेगा भारत और पाकिस्तान के विवाद में चीन की भागीदारी को भारत ने नकार दिया है। उसका कहना है कि सिंधु नदी जल समझौता पाकिस्तान और भारत के बीच हुआ है इसमें तीसरे पक्ष का कोई महत्व ही नहीं है। चीन से इस मसले पर कोई अर्थ नहीं है। चीन ब्रह्मपुत्र नदी पर बांध बना रहा है इस संधि में चीन का कोई का नहीं है। सिंधु जल समझौता: 'एक साथ नहीं बह सकते खून और पानी'