नई दिल्ली : दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग और दिल्ली की सरकार के बीच विवाद गहरा गया है। दिल्ली सरकार ने जिस बारे में निर्णय लिया है वे सभी फाईलें उपराज्यपाल के सचिवालय बुलवाई गई हैं। अब उपराज्यपाल इन फाईलों को देखेंगे ओर यह जानेंगे कि आखिर जो निर्णय सरकार ने लिए हैं उन पर उनकी स्वीकृति क्यों नहीं ली गई। एक तरह से अब फिर से दिल्ली राज्य सरकार और केंद्र सरकार के बीच तनाव हो गया है। दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार ने बीते डेढ़ वर्ष में कई तरह के निर्णय लिए। इस तरह के निर्णयों में बड़े पैमाने पर नियुक्तियां हुई हैं। अब ये सवाल किए जा रहे हैं कि ये नियुक्तियां नियमों के तहत हुई या नहीं। दिल्ली सरकार द्वारा करीब डेढ़ वर्ष में जांच समितियों का गठन कर दिया गया। सीएनजी फिटनेस घोटाले और डीडीसीए में हुई अनियमितता को लेकर की जाने वाली कार्रवाई भी शामिल है। इस मामले में अलग-अलग मुखिया को यह कहा गया है कि उपराज्यपाल की स्वीकृति हेतु विभिन्न फाईलें एक सप्ताह के अंदर ही भेजी जाऐं। इसके बाद समीक्षा बैठक का दौर प्रारंभ हो जाएगा। दूसरी ओर दोनों ही सरकारों की तनातनी के बाद एक महत्वपूर्ण फैसला आया है जिसमें उच्च न्यायालय ने दिल्ली का सर्वेसर्वा उपराज्यपाल को ही बताया है।