लोहिया ट्रस्ट की बैठक में उभर कर आया समाजवादियों का विवाद

लखनऊ। समाजवादी पार्टी इन दिनों मुश्किल हालात से गुजर रही है। पार्टी को एकजुट करने की सारी कोशिशें नाकाम साबित हो रही हैं, मगर पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव अभी भी पार्टी को संगठित करने में लगे हैं। गुरूवार को इस प्रयास में मुलायम सिंह यादव ने लोहिया ट्रस्ट की बैठक आयोजित की। इस बैठक में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव, रामगोपाल यादव, आजम खान, धर्मेंद्र यादव और बलराम यादव आदि नहीं पहुॅंचे।

माना जा रहा है कि, इस बैठक के माध्यम से मुलायम सिंह यादव कोई राजनीतिक बदलाव कर सकते हैं। दूसरी ओर इस बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के समर्थक नेताओं द्वारा नहीं पहुॅंचने से यह साफ हो गया कि, पार्टी में अभी भी अंर्तकलह का दौर है। गौरतलब है कि, सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने लोहिया ट्रस्ट कार्यालय में हुई बैठक में महत्वपूर्ण निर्णय लिया था।

इस बैठक में कुछ नेताओं को हटाने की बात सामने आई थी। जिसमें राम गोविंद चौधरी, ऊषा वर्मा, अशोक शाक्य और अहमद हसन शामिल थे। बताया जा रहा है कि ये नेता पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव समर्थक थे। शिवपाल ने इसके पहले यही कहा था कि वही बना रहेगा जो लोहिया हित में काम करेगा।

ऐसे में माना जा रहा है कि संगठन में शिवपाल यादव ने अपना दाव चला है। उल्लेखनीय है कि विधानसभा चुनाव के बाद समाजवादी पार्टी से शिवपाल समर्थकों को पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बाहर करना प्रारंभ कर दिया था। पार्टी के विवाद से शिवपाल आहत थे और वे अपनी पार्टी समाजवादी सेक्युलर मोर्चा बनाने की तैयारी कर रहे थे।

मुलायम सिंह यादव उनके साथ बने रहे। इसी बीच लोहिया ट्रस्ट की बैठक में सदस्यों को हटाए जाने और कुछ नेताओं के न पहुॅंचने से यह जानकारी सामने आई है कि पार्टी में अंर्तकलह का विवाद अभी भी थमा नहीं है। समाजवादी पार्टी में फूट का एक बुरा दौर है। जिसे मुलायम सिंह यादव दूर करने में लगे हैं।

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