भोपाल: मध्यप्रदेश में बीजेपी के शासन काल को 15 साल हो गए हैं। वहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान चौथे कार्यकाल के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रहे हैं। क्योंकि 15 साल बाद अब मुकाबला कड़ा होने जा रहा है। वहीं बता दें कि बीजेपी के लिए बड़ी मुश्किल उन बागियों की वजह से भी खड़ी हो सकती है, जिनका इस बार पार्टी ने टिकट काट दिया गया। मिजोरम विधानसभा चुनाव 2018: मुख्यमंत्री लल थनहवला लड़ रहे दो सीट से चुनाव यहां बता दें कि टिकट काटने की चोट गहरी होती है और ये दूर तक मार करती है। यही वजह रही कि बीजेपी से बागी हुए उम्मीदवारों को मनाने में नामांकन वापस लेने की आखिरी तारीख तक बीजेपी जुटी रही। इसके अलावा बीजेपी को रूठों को मनाने में कामयाबी भी मिली और जो नहीं मानें तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए बाहर का रास्ता दिखा दिया है। मध्यप्रदेश चुनाव: राज्य में लगातार घटते जा रहे मुस्लिम नेता, आखिर क्या है वजह ? गौरतलब है कि चुनावी मैदान अब पूरी तरह से तैयार हो गया है। इसके अलावा बता दें कि बागियों को मनाने में बीजेपी के राष्ट्रीय संगठन मंत्री रामलाल, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर जैसे दिग्गज भी जुटे रहे हैं। किसी ने फोन पर तो किसी ने निजी तौर पर मुलाकात कर मनाने का काम किया। वहीं बता दें कि बीजेपी ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 64 बागियों को पार्टी से बाहर कर दिया है। इसके साथ ही निष्कासित किए हुए लोगों में 3 पूर्व मंत्री भी शामिल हैं। खबरें और भी राजस्थान चुनाव: जेएनयू में कंडोम मिलने की शिकायत करने वाले भाजपा नेता को नहीं मिला टिकट राजस्थान चुनाव: भाजपा का सवाल, राम मंदिर पर किसकी तरफ है स्पष्टीकरण दे कांग्रेस मध्यप्रदेश चुनाव: तीस साल के चुनावी इतिहास में पहली बार हो रहा है ऐसा