दिव्यांग वसीम शेख ने फिर बदला अपना बयान, अब बोले- 'प्रशासन ने नहीं तोड़ी गुमटी'

खरगोन: मध्यप्रदेश के खरगोन में रामनवमी पर हुई हिंसा के पश्चात् सुर्ख़ियों में आए दिव्यांग वसीम शेख निरंतर अपने बयान बदल रहे हैं। अब वसीम ने बताया कि उनकी गुमटी या तो जिला प्रशासन ने तोड़ी है, या फिर दंगाइयों ने। CCTV फुटेज देखे जाएं तथा उसी के आधार पर अपराधियों के खिलाफ कार्यवाही की जाए। इससे पहले सोमवार की शाम को ही नगरपालिका CMO प्रियंका पटेल से वसीम ने बोला था, मेरा मकान तथा गुमटी जिला प्रशासन ने नहीं तोड़े हैं। 

दरअसल, शहर में रामनवमी के जुलूस के चलते पथराव तथा आगजनी की हिंसा हुई थी। तत्पश्चात, जिला प्रशासन ने ताबड़तोड़ दंगाइयों के अवैध निर्माण तोड़ने की कार्यवाही दूसरे ही दिन मतलब 11 अप्रैल को मोहन टॉकीज से आरम्भ की थी। जल्दबाजी में प्रशासन के बुलडोजर ने संजय नगर में रहने वाले वसीम शेख की गुमटी भी गिरा दी थी। वसीम के दोनों हाथ नहीं हैं। पतंग एवं अन्य चीजें बेचकर जीवन-यापन करने वाले दिव्यांग वसीम को 4 दिन पश्चात् पता चला कि शासन की कार्यवाही में उसकी गुमटी तहस-नहस कर दी गई है। जब मामला पत्रकारों में आया तो जिला प्रशासन हरकत में आ गया।  

वही इसी बीच, सोमवार की शाम नगर पालिका CMO प्रियंका पटेल वसीम शेख के घर पहुंचीं। इसके कुछ देर पश्चात् एक वीडियो जारी किया गया। इसमें पीड़ित बताए जा रहे विकलांग वसीम बोलते दिखाई दे रहे हैं, 'मेरे नाम से अफवाह फैलाई जा रही है। मेरी गुमटी एवं मकान जिला प्रशासन द्वारा नहीं तोड़े गए हैं, इसलिए किसी भी प्रकार का अफवाह नहीं फैलाएं तथा जल्द से जल्द शांति स्थापित हो। अमन-चैन के लिए सभी मदद करें।'' इसी के साथ CMO प्रियंका पटेल का भी वीडियो जारी हुआ तथा इसमें उन्होंने बोला, वसीम की गुमटी जिला प्रशासन द्वारा नहीं गिराई गई है, ये अफवाह फैलाई जा रही है।

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